UP School Merger: मर्ज नहीं होंगे सीतापुर के सरकारी स्कूल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक लगाई रोक

उत्तर प्रदेश में सीतापुर जिले के स्कूल मर्जर पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. इस संबंध में सीतापुर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्टे लगा दिया है. इस संबंध में Status quo का आदेश पारित हुआ है. अब से अग्रिम आदेश तक कोई भी विद्यालय मर्ज नहीं किया जाएगा. जिन विद्यालय के मर्जर के आदेश हो चुके हैं, लेकिन जो विद्यालय अभी तक शिफ्ट नहीं हुए हैं. वह अपने पुराने स्थान पर ही चलते रहेंगे.

अब इस मामले में राज्य सरकार को काउंटर दाखिल करना है. उसके बाद बच्चों के अधिवक्ता अपना जवाब कोर्ट में दालिख करेंगे. मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी. हाईकोर्ट का ये आदेश केवल सीतापुर जिले के लिए है. ऐसे में जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों और शिक्षकों के लिए ये राहत भरी खबर है.

क्या है पूरा मामला?

राज्य बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 16 जून 2025 को जारी एक आदेश में कहा गया था कि प्रदेश के जिन सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की संख्या 50 से कम होगी. उन्हें पास के बड़े स्कूल मे मर्ज किया जाएगा.

किसने दायर की थी याचिका?

विभाग के इस फैसले के खिलाफ सीतापुर जिले की छात्रा कृष्णा कुमारी समेत 51 बच्चों ने 1 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी. वहीं इस मामले में एक अन्य याचिका 2 जुलाई को हाईकोर्ट में दायर की गई थी. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि विभाग का यह आदेश शिक्षा का अधिकारी अधिनियमय 2009 का उल्लंघन है.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 के तहत बेसिक शिक्षा विभाग के हालिया निर्देश के अनुरूप, जो संस्थानों के बीच अधिक सहयोग, समन्वय और संसाधनों को साझा करने पर जोर देता है. 1 जुलाई से, उत्तर प्रदेश भर में 10,000 से अधिक सरकारी प्राथमिक विद्यालयों को बेहतर सुविधाओं वाले नजदीकी स्कूलों के साथ जोड़ा गया है.

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