Hindi Diwas 2025: प्रतियोगी परीक्षा में अब अभ्यर्थी हिंदी में भी दे सकेंगे सवालों के जवाब, जल्द दिखेगा ये बदलाव

Hindi Diwas 2025: देश भर में आज, 14 सितंबर को ‘हिंदी दिवस’ मनाया जा रहा है. केंद्र सरकार लगातार हिंदी को बढ़ावा दे रही है. इसी क्रम में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों के लिए गृह मंत्रालय की ओर से हिंदी भाषा को लेकर वार्षिक कार्यक्रम जारी किया गया है. आइए जानते हैं क्या कार्यक्रम जारी किया गया है और इससे हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थियों को क्या फायदा होगा.

हिंदी मीडियम से पढ़ाई कर सरकारी नौकरियों की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दी है. गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग ने 2025-26 का वार्षिक कार्यक्रम जारी करते हुए साफ कर दिया है कि अधीनस्थ सेवाओं की भर्ती परीक्षाओं में अंग्रेजी का अनिवार्य प्रश्नपत्र हटा दिया जाएगा. यानी अब उम्मीदवार चाहें तो पूरी परीक्षा हिंदी में भी दे सकते हैं.

क्या होगा फायदा?

इस फैसले का सबसे बड़ा फायदा उन छात्रों को होगा, जो हिंदी माध्यम से पढ़ाई करते हैं और अंग्रेजी की वजह से पिछड़ जाते थे. खासतौर पर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों से आने वाले अभ्यर्थियों को अंग्रेजी की अनिवार्यता हमेशा दबाव में डाल देती थी. कई बार प्रतिभा होने के बावजूद वह सिर्फ भाषा की वजह से प्रतियोगिता से बाहर हो जाते थे, लेकिन अब उन्हें अपनी मातृभाषा में सहज होकर जवाब देने का मौका मिलेगा.

अंग्रेजी का दबाव होगा कम

अब तक सरकारी नौकरियों की कई परीक्षाओं में अंग्रेजी का पेपर अनिवार्य होता था. इससे कई बार ग्रामीण और छोटे शहरों से आने वाले उम्मीदवारों को मुश्किल होती थी. अंग्रेजी में कमजोर होने की वजह से वह पिछड़ जाते थे, लेकिन अब इस नए फैसले से हिंदी माध्यम से पढ़ाई करने वाले लाखों छात्रों को राहत मिलेगी.

मातृभाषा को मिलेगा बढ़ावा

केंद्र सरकार लंबे समय से सरकारी कामकाज और परीक्षाओं में हिंदी के इस्तेमाल को बढ़ावा दे रही है. इस बार के वार्षिक कार्यक्रम में भी यह साफ कहा गया है कि उम्मीदवारों को अपनी भाषा में जवाब देने का अधिकार मिलना चाहिए. सरकार के मुताबिक, जब अभ्यर्थी अपनी भाषा में सहज होकर जवाब देंगे तो उनकी क्षमता बेहतर तरीके से सामने आ पाएगी.

भर्ती से पदोन्नति तक हिंदी का ऑप्शन

सिर्फ भर्ती परीक्षाओं में ही नहीं, बल्कि पदोन्नति और विभागीय परीक्षाओं में भी हिंदी का इस्तेमाल आसान बनाने की कोशिश की जा रही है. अब सिर्फ अंग्रेजी जानने वालों को ही नहीं, बल्कि हिंदी माध्यम से पढ़े-लिखे कर्मचारी और अधिकारी भी अपनी भाषा में परीक्षा दे सकेंगे.

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