क्या है F-1, स्टूडेंट वीजा, टैरिफ वॉर के बीच दुनिया के छात्रों पर जुल्म क्यों ढा रहे ट्रंंप?

टैरिफ वॉर के बीच ट्रंप दुनिया के छात्रों पर जुल्म ढा रहे हैं. अमेरिका में धड़ाधड़ F-1वीजा रद्द किए जा रहे हैं. इससे छात्रों में गुस्सा पनप रहा है. खास बात ये है कि ट्रंप सरकार की ओर से वीजा रद्द होने की जानकारी ईमेल से दी जा रही है. ये वीजा अमेरिका में डिग्री कोर्स के लिए मिलता है, जिसमें वर्क परमिट भी शामिल होता है. इसके अलावा ट्रंप सरकार M-1 और J-1 वीजा भी रद्द कर रही है.

अमेरिका में हर साल दुनिया के लाखों छात्र पढ़ने के लिए आते हैं, इन्हें F-1, M-1 और J-1 वीजा श्रेणी के आधार पर दिया जाता है. अब डिग्री कोर्स के बीच ही इन छात्रों के वीजा रद्द किए जा रहे हैं. अमेरिका की एक दो नहीं, बल्कि पेनसिल्वेनिया, ड्यूक यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड समेत कई यूनिवर्सिटीज ने इस बात की पुष्टि की है कि उनके संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों के वीजा धड़ाधड़ रद्द किए जा रहे हैं. इनमें से ज्यादातर छात्र वे हैं जिनके फिलिस्तीन के पक्ष में प्रदर्शनों में शामिल होने की संभावना है. हालांकि अमेरिकी प्रशासन की ओर से जो तर्क दिया जा रहा है उसमें ये कहा जा रहा है कि वीजा सिर्फ उन्हीं के रद्द हुए जिनके इमिग्रेशन स्टेटस में गड़बड़ी थी या उन पर कोई आरोप है.

क्या होता है F-1, M-1 और J-1 वीजा

  • F-1 वीजा: अमेरिका द्वारा छात्रों को नॉन इमिग्रेंट वीजा जारी किए जाते हैं, इन्हें F-1, M-1 और J-1 श्रेणी में बांटा गया है. इसमें F-1 वीजा फुल एकेडमिक प्रोग्राम के लिए मिलता है, यानी अगर आपको किसी मान्यता प्राप्त कॉलेज, यूनिवर्सिटी, लैंग्वेज ट्रेनिंग प्रोग्राम से पढ़ाई करनी है तो आपको F-1 वीजा मिलेगा. इसमें हर सप्ताह 20 घंटे की वर्क परमिशन भी दी जाती है.
  • M-1 वीजा: यह वीजा तब दिया जाता है जब विदेशी छात्र वोकेशन या टेक्नीकल ट्रेनिंग के लिए अमेरिका पहुंचता है. आम तौर पर इस वीजा के साथ वर्क परमिशन नहीं दी जाती है.
  • J-1 वीजा: स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अमेरिका जाने वाले विदेशी छात्रों को ये वीजा दिया जाता है. इसके अलावा इंटर्नशिप, टीचिंग या मेडिकल ट्रेनिंग के लिए भी ये वीजा आवश्यक है. इसमें प्रोग्राम से संबंधित एक्टिविटी के मुताबिक वर्क परमिट दिया जाता है.

भारत से हर साल जाते हैं 2 लाख से अधिक छात्र

अमेरिका में पढ़ने के लिए अमेरिका हर साल तकरीबन 2 लाख भारतीय छात्र जाते हैं, इनमें से अधिकांश छात्र साइंस, टेक्नोलॉजी, मैथमेटिक्स से संबंधित कोर्सेंज में एडमिशन लेते हैं. अब अमेरिका में अचानक ये स्थिति छात्रों में कंफ्यूजन पैदा कर रहे हैं. हालांकि ये सभी छात्रों के लिए नहीं है, जिन छात्रों के इमिग्रेशन डॉक्यूमेंट में दिक्कत है या जो छात्र किसी क्राइम या रूल वाइलेशन में शामिल रहे हैं, उन पर यह कार्रवाई की जा रही है. हालांकि इनमें कई छात्र ऐसे हैं जो पहले से निर्दोष हैं. इसलिए छात्रों में ये भी तनाव है कि वो आखिर अपनी पढ़ाई कैसे पूरी करेंगे. इसके अलावा अमेरिका के संस्थानों में इस बात को लेकर कंफ्यूजन है. तमाम संस्थानों ने अमेरिकी सरकार से इस बारे में क्लीयरिफिकेशन मांगा है, ताकि छात्रों के कंफ्यूजन को दूर किया जा सके.