दुनिया के टॉप एजुकेशनल इंस्टिट्यूशन्स में से एक, इम्पीरियल कॉलेज लंदन अब भारत में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करने जा रहा है. कॉलेज ने हाल ही में घोषणा की है कि वह बेंगलुरु में एक अंतरराष्ट्रीय रिसर्च हब की स्थापना करेगा, जिसका नाम होगा इम्पीरियल ग्लोबल इंडिया.
यह सेंटर मई 2025 में शुरू होने की योजना है और इसका उद्देश्य भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच साइंटिफिक, एजुकेशनल और टेक्नोलॉजिकल रिश्तों को और गहरा बनाना है. बेंगलुरु में खुलने वाला यह हब इम्पीरियल कॉलेज और भारत के प्रमुख टीचिंग और रिसर्च इंस्टिट्यूशन्स के बीच साझा रिसर्च प्रोजेक्ट का केंद्र बनेगा.
यह ऑफिस एक कॉन्टैक्ट सेंटर की तरह काम करेगा, जहां से साइंस, टेक्नोलॉजी और एजुकेशन के क्षेत्र में मिलकर काम किया जाएगा. इसके जरिए न केवल एजुकेशनल इंस्टिट्यूट, बल्कि सरकार, इंडस्ट्री और इनोवेशन के क्षेत्रों से जुड़े संगठनों के बीच भी सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.
पार्टनरशिप को मिलेगा एक्सपैंशन
इम्पीरियल कॉलेज पहले से ही भारत के कई बड़े इंस्टिट्यूट के साथ काम कर रहा है. इनमें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (IISc), एम्स, आईआईटी बॉम्बे, दिल्ली और खड़गपुर, और टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च जैसे इंस्टिट्यूट शामिल हैं. इन पार्टनरशिप में क्लाइमेट चेंज, एंटीबायोटिक दवाओं के खिलाफ प्रतिरोध (Resistance), और क्लीन एनर्जी जैसे विषयों पर रिसर्च शामिल है.
अगुवाई करेंगे दो प्रमुख वैज्ञानिक
बेंगलुरु हब के खुलने से इन साझेदारियों को और गति मिलेगी और रिसर्च के लिए एक परमानेंट आधार तैयार होगा. इस नए हब की जिम्मेदारी दो अनुभवी साइंटिस्ट को सौंपी गई है. प्रोफेसर संजीव गुप्ता, जो अर्थ साइंस में एक्सपर्ट हैं, पहले भी आईआईटी कानपुर के साथ नदियों और ग्राउंड वॉटर पर रिसर्च कर चुके हैं.
वहीं डॉ. एलेना डिकमैन, बायोमटेरियल्स और सर्कुलर इकोनॉमी की एक्सपर्ट हैं. वह भारत के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर पुराने सोलर पैनलों को फिर से उपयोग में लाकर उन्हें निर्माण कार्य में इस्तेमाल किए जाने योग्य बना रही हैं. दोनों वैज्ञानिक भारत में समय बिताकर स्थानीय इंस्टिट्यूटों के साथ गहरा सहयोग करेंगे.
नई शिक्षा नीति के अनुरूप है यह पहल
भारत सरकार द्वारा लागू की गई नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 में कहा गया है कि विश्व की शीर्ष यूनिवर्सिटियों को भारत में कैंपस या रिसर्च सेंटर खोलने की अनुमति दी जाएगी. इम्पीरियल का यह कदम इसी नीति के अनुरूप है. इससे भारतीय छात्रों को वर्ल्ड क्लास एजुकेशन और रिसर्च के अवसर मिलेंगे और भारत को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा मानकों के साथ जोड़ने में मदद मिलेगी.
भारत-ब्रिटेन के रिश्तों में आएगा नया मोड़
इम्पीरियल ग्लोबल इंडिया हब के जरिए भारत और ब्रिटेन के बीच एजुकेशन, साइंस और इनोवेशन के क्षेत्र में सहयोग को एक नई दिशा मिलेगी. यह पहल दोनों देशों के बीच इकोनॉमिकल ग्रोथ, सस्टेनेबल फ्यूचर और जीवन की क्वालिटी में सुधार जैसे उद्देश्यों को भी आगे बढ़ाने में मदद करेगी. साथ ही, यह इंटरनेशनल लेवल पर भारत के रोल को और मजबूती देगा.
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