भारत की अनुराधा गर्ग ने चीन में सफलता के झंडे गाड़े हैं. वहां शेनझेन में आयोजित ब्यूटी कांस्टेस्ट में वह भारत की ओर से पहली मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल बनी हैं. अनुराधा ने यह मुकाम 80 से अधिक देशों से आईं प्रतियोगियों के बीच हासिल किया है. यह प्रतियोगिता 4 से 13 अप्रैल तक आयोजित हुई थी, जिसमें जीतकर अनुराधा ने इतिहास रचा है.
मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल प्रतियोगिता एक इंटरनेशनल ब्यूटी कंपटीशन है, इसमें विवाहित महिलाएं हिस्सा लेती हैं. भारत की तरफ से इस बार मिसेज इंडिया ग्लोब 2024 चुनी गईं अनुराधा गर्ग ने इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था. इस कॉन्टेस्ट में प्रतियोगियों को सुंदरता के अलावा महिलाओं के व्यक्तित्व, बुद्धिमत्ता, आत्मविश्वास और प्रेरणादायक जीवन यात्रा की कसौटी पर तौला जाता है.
अनुराधा गर्ग के बारे में जानिए
अनुराधा गर्ग मूल रूप से गुरुग्राम की रहने वाली हैं, सोशल मीडिया पर उन्हें अनुराधा कपूर के नाम से भी जाना जाता है. वह अब तक कई बैंकों ओर बीमा कंपनियों में काम कर चुकी हैं. 2024 में उन्होंने मिसेज इंडिया ग्लोब खिताब अपने नाम किया था और मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल के लिए अपनी दावेदारी मजबूत की थी. अपने करियर के अलावा वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए दिनचर्या का पालन करती हैं. अनुराधा को डांसिंग, ट्रैवल पसंद है. वह अपनी दिनचर्या में योग और ध्यान को ज्यादा महत्व देती हैं, वह कहती हैं कि इससे मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है.
अनुराधा गर्ग का अब तक का सफर
अनुराधा गर्ग का अब तक का सफर बेहद शानदार रहा है, वह पिछले 15 साल से फाइनेंस के क्षेत्र में काम कर रही हैं. उन्हें बड़ा ब्रेकथ्रू तब मिला था जब उन्हें पिछले साल मिसेज इंडिया ग्लोब 2024 चुना गया था. इस जीत से ही उन्हें मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल 2025 प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला था. अनुराधा ने प्रतियोगिता के दौरान महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया और अपने सपनों को पाने के लिए वह कड़ी मेहनत करती रहीं. उन्होंने मिसेज ग्लोब इंटनेशनल के मंच से महिलाओं के पोषण, शारीरिक व्यायाम, मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात की.
5 राउंड में ऐसे पाई सफलता
मिसेज ग्लोब इंटरनेशनल के मंच पर अनुराधा गर्ग को 5 अलग-अलग कसौटियों पर परखा गया. इसमें पहला टैलेंट राउंड था, जिसमें उन्होंने प्रतिभा का प्रदर्शन किया. इसके बाद ईवनिंग गाउन राउंड में भी अपनी सुंदरता का लोहा मनवाया. तीसरे राउंड में इंटरव्यू होता है, जिसमें प्रतियोगियों के विचार और व्यक्तित्व को परखा गया. प्रतियोगिता में चौथा राउंड नेशनल कॉस्ट्यूम का था, जिसमें देश की सांस्कृतिक झलक देखने को मिली. प्रतियोगिता का पांचवां राउंड सामाजिक उत्तदायित्व पर आधारित है, जिसमें मिसेज ग्लोब विजेता को सोशल कैंपेन का हिस्सा बनने का अवसर मिलता है. इस प्रतियोगिता के इतिहास पर नजर डालें तो इसकी शुरुआत 1990 में हुई थी. यह कंपटीशन उन महिलाओं के लिए एक बड़ा मंच है जो शादीशुदा हैं और कुछ कर गुजरना चाहती हैं.