देश के टॉप टेक्निकल इंस्टीट्यूट्स में शामिल IIT इंदौर की स्थापना 2009 में हुई थी. यह उन आठ नए IITs में से एक है जिन्हें शिक्षा मंत्रालय ने देशभर में टेक्निकल एजुकेशन को मजबूती देने के लिए शुरू किया था. शुरुआत में यह संस्थान देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान के अस्थायी परिसर से संचालित होता था और इसकी मार्गदर्शक संस्था IIT बॉम्बे थी. 17 फरवरी 2009 को उस समय के मानव संसाधन विकास मंत्री अर्जुन सिंह ने इसके स्थायी कैंपस की नींव रखी थी.
शिक्षा मंत्रालय हर साल देश के टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन्स के लिए NIRF (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) रैंकिंग्स जारी करता है, इस रैंकिंग में IIT इंदौर ने बीते पांच सालों में अलग-अलग कैटेगरीज में अच्छा परफॉर्मेंस किया है. हालांकि कुल मिलाकर परफॉर्मेंस में पिछले पांच सालों में काफी अंतर देखने को मिला है. 2024 में संस्थान को ओवरऑल कैटेगरी में 33वां स्थान मिला है जबकि इंजीनियरिंग में यह 16वें, रिसर्च में 27वें और मैनेजमेंट में 8वें नंबर पर रहा.
5 साल में 23 रैंकिंग से 33 तक
अगर पिछले पांच सालों की बात करें तो ओवरऑल रैंकिंग में IIT इंदौर 2020 में 23वें स्थान पर था. जो 2021 में गिरकर 30वें, फिर 2023 में थोड़ा सुधरकर 28वें और अब 2024 में 33वें स्थान पर आ गया है. 2024 में एनआईआरएफ ने IIT इंदौर को 33वीं रैंक दी. ओवरऑल कैटेगरी में 33वीं रैंक पिछले 5 सालों में संस्थान को मिली सबसे कम रैंकिंग है.
इंजीनियरिंग कैटेगरी में संस्थान की स्थिति अपेक्षाकृत स्थिर रही है और यह हमेशा टॉप 20 में शामिल रहा है. साल 2020 में यह 10वें स्थान पर था जो इसकी अब तक की सबसे बेहतरीन रैंकिंग रही. 2022 और 2024 में यह 16वें नंबर पर बना रहा.
मैनेजमेंट में बढ़िया परफॉर्मेंस
रिसर्च कैटेगरी जिसे 2021 में शुरू किया गया उसमें शुरुआत में संस्थान की 26वीं रैंक रही. जो 2023 में सुधरकर 21 हुई. फिर 2024 में गिरकर 27वीं पर पहुंच गई. दूसरी ओर मैनेजमेंट एजुकेशन में संस्थान ने बेहतरीन स्थायित्व दिखाया है. पिछले पांच सालों में यह लगातार टॉप 10 में बना रहा. IIT इंदौर की इस यात्रा से साफ है कि टेक्निकल और प्रबंधन शिक्षा में इसकी पकड़ मजबूत है लेकिन ओवरऑल परफॉर्मेंस में स्थायित्व लाने की जरूरत है.