आंबेडकर जयंती पर चल रहे कार्यक्रम में पहुंचे छात्र, नारेबाजी कर निलंबन वापस लेने की मांग

अंबेडकर यूनिवर्सिटी दिल्ली में संस्पेंड किए गए छात्रों की बहानी के लिए आंदोलन कर रहे छात्र-छात्राओं ने सोमवार को आंबेडकर जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचकर विरोध जताया. भीमराव अंबेडकर मेमोरियल लेक्चर के दौरान पहुंचकर छात्र छात्राओं ने नारे लगाए और अपनी मांगों के बारे में विवि प्रशासन को बताया.

अंबेडकर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने तीन छात्रों को सस्पेंड कर दिया था. इनके निलंबन वापसी की मांग कर रहे छात्रों में से 5 अन्य छात्र छात्राओं को भी गत 11 अप्रैल को सस्पेंड कर दिया गया था. इन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया था. प्रशासन का आरोप है कि छात्रों ने कुलपति और रजिस्ट्रार के वाहनों को रोका था और उनमें तोड़फोड़ की थी. सोमवार को SFI दिल्ली के कार्यकर्ताओं ने AUD के कुलपति की अध्यक्षता में आयोजित 14वें अंबेडकर मेमोरियल लेक्चर में हिस्सा लिया और मांग पत्र वाले पोस्टर उठाए.

ये की मांगे

  • कैंपस लोकतंत्र बहाल करो
  • निर्वाचित छात्र संघ पर हमला बंद करो
  • विश्वविद्यालय में छात्र आंदोलन पर रोक हटाओ
  • बैरिकेड्स और शाम 5 बजे की कर्फ्यू हटाओ
  • अन्यायपूर्ण निलंबन वापस लो

140 घंटे की भूख हड़ताल पर हैं छात्र

SFI दिल्ली के अध्यक्ष सूरज एलामन ने कहा, “छात्र 140 घंटे से भूख हड़ताल पर हैं, लेकिन प्रशासन ने निर्वाचित प्रतिनिधियों से बात तक नहीं की. यह बाबासाहेब अंबेडकर के नाम वाले विश्वविद्यालय के लिए चिंताजनक स्थिति है, प्रशासन को तुरंत छात्रों से मिलकर उनकी मांगों का समाधान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आज इस क्रूरता के खिलाफ खड़े होते हुए, SFI दिल्ली के नेतृत्व में सामान्य छात्रों ने कुलपति और अन्य अतिथियों के सामने अंबेडकर की तस्वीरें और पोस्टर उठाकर उपरोक्त मांगें रखीं और अब तक हुए सभी अन्यायपूर्ण निलंबन वापस लेने की मांग की.

ये अशांति फैलाने वाले लोग

प्रॉक्टर सत्यकेतु संकृत ने अंबेडकर की तस्वीरें उठाकर मांग रखने वाले छात्रों के बारे में कहा कि ये वही लोग हैं जो कैंपस में अशांति फैलाते हैं और आतंक का माहौल बनाते हैं. यह विश्वविद्यालय में बढ़ते अधिनायकवाद की बर्बरता को दिखाता है, जहाँ अंबेडकर जयंती के दिन भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की मांगों को उठाने वालों को आतंक फैलाने वाला कहा जाता है.