तमिलनाडु में हायर एजुकेशन में बढ़ रहे सरकारी स्कूलों के छात्र, इतना हुआ इजाफा

तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों से 12वीं पास करने वाले छात्रों की हायर एजुकेशन में पिछले तीन सालों में भागीदारी लगभग 30% बढ़ी है. 2023-24 सत्र में 12वीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले करीब 74% छात्र कॉलेज में एडमिशन ले चुके हैं. तीन साल पहले यानी 2021-22 में यह फिगर सिर्फ 45% था.

इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण राज्य सरकार की योजनाओं को माना जा रहा है, जैसे कि ‘पुधुमई पेन’ और ‘नान मुदलवन’. ‘पुधुमई पेन’ योजना के तहत जो छात्राएं सरकारी स्कूल से 12वीं पास करके कॉलेज जाती हैं, उन्हें हर महीने ₹1,000 की इंसेंटिव अमाउंट दी जाती है. इसी तरह 2024 में लड़कों के लिए ‘तमिल पुधलवन’ योजना भी शुरू की गई है.

‘नान मुदलवन’ योजना छात्रों को करियर से जुड़ी जानकारी देती है और उन्हें हायर एजुकेशन के लिए प्रेरित करती है. 2022-23 में कुल 3,97,809 सरकारी स्कूल के छात्रों ने 12वीं की परीक्षा दी थी, जिनमें से 2,72,744 छात्रों ने कॉलेज में एडमिशन लिया. वहीं 2023-24 में 3,34,723 छात्रों में से 2,47,744 छात्रों ने कॉलेज, आईटीआई या पॉलिटेक्निक संस्थानों में एडमिशन लिया.

आंकड़ों में सुधार, भविष्य में और बढ़ेगा ट्रेंड

राज्य सरकार ने इन आंकड़ों को एक खास डिजिटल सिस्टम University Management Information System (UMIS) के जरिए जमा किया है. अधिकारियों का कहना है कि इस बार डाटा ज्यादा सही, पूरी जानकारी के साथ और समय पर मिला है. तमिलनाडु की Gross Enrollment Ratio (GER) पहले से ही 47% है, जो देश के बड़े राज्यों में सबसे ज्यादा है.

हर छात्र तक शिक्षा पहुंचाना लक्ष्य

शिक्षा विभाग के सीनियर ऑफिसर ने बताया कि सरकार का लक्ष्य है कि हर सरकारी स्कूल से पास होने वाला छात्र किसी न किसी हायर एजुकेशन में जरूर एडमिशन ले. आने वाले 2-3 सालों में इसे पूरी तरह से लागू करने की योजना है.

करियर गाइडेंस के लिए खास तैयारी

नान मुदलवन योजना के तहत मई 2023 से सरकारी स्कूलों में करियर गाइडेंस सेल बनाए गए हैं. इन सेल में हेडमास्टर, टीचर, पूर्व छात्र और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य शामिल हैं. अप्रैल के दूसरे हफ्ते से इन सभी को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे छात्रों को बेहतर दिशा दिखा सकें. मई 1 को ग्राम सभा में भी इन प्रयासों की रिपोर्ट पेश की जाएगी.

तमिलनाडु सरकार की इन योजनाओं से यह साफ है कि अगर सही दिशा और सहायता मिले तो सरकारी स्कूल के छात्र भी हायर एजुकेशन की ओर आगे बढ़ सकते हैं.

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