नियमों को दरकिनार कर चहेते फर्म को विभाग ने दे दिया वर्कआर्डर

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 देवरिया,  जिले के परिषदीय विद्यालयों में इसरो स्पेस लैब बनाने के नाम पर विभाग ने खेल किया है। पंचायतीराज विभाग ने संसाधनों की खरीद के लिए टेंडर न कर कोटेशन के आधार पर एक फर्म को काम दे दिया। फर्म ने लैब के लिए जिले के 84 विद्यालयों में 66 समानों की आपूर्ति किया गया है। पंचायतीराज विभाग ने नियमों को ताक पर रख कर एक फर्म को कोटेशन के आधार पर 3.69 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। इसे लेकर विभाग में चर्चाओं का बाजार गर्म है। देवरिया जिले के 16 ब्लाक और नगर क्षेत्र में कुल 2122 परिषदीय विद्यालय है। 

इन विद्यालयों में 2.10 लाख छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे है। छात्रों को विज्ञान के प्रति जागरुक करने के लिए वर्ष 2023 में जिला मुख्यालय पर तत्कालीन डीएम अखंड प्रताप सिंह की अध्यक्षता में उदमिता विकास की बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि जिले के सभी ब्लाक के पांच पांच परिषदीय विद्यालय और चार गांव के विद्यालय तो गांव मुख्यमंत्री से पुरस्कृत हुए है उन गांव के विद्यालय में इसरो स्पेस लैब बनाने का निर्णय लिया गया। तत्कालीन डीएम ने इसे बनवाने और समान उपलब्ध कराने के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को निर्देश दिया। इसके साथ ही तीन लोगों के कमेटी बना दिया। जिसमें बीएसए और डीआईओएस को रखा गया था। 

बीएसए कार्यालय ने जिला पंचायतीराज विभाग को विद्यालयों की सूची उपलब्ध कराया। इस पर जिला पंचायती राज विभाग ने नियमों को ताक पर रख कर लैब के संसाधनों के लिए टेंडर नहीं निकाला। विभाग ने एक ठेकेदार से साठ गांठ कर कोटेशन मांगा। नियम है कि 99 हजार से ऊपर की खरीदारी के लिए टेंडर निकाला जाता है। इसके लिए विभाग ने आनन फानन में कोटेशन मांगा। जिसमें कुछ छोटे छोटे फर्मो ने इसके लिए कोटेशन दिया। जिन्हें विज्ञान के समानों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। पंचायतीराज विभाग ने मां शारदा इंटर प्राइजेज को 369000 में टेंडर दे दिया। फर्म ने स्कूलों में 66 समानों के स्थान पर कम समानों की आपूर्ति किया। जो समान की आपूर्ति हुई है वह भी मानक के अनुसार नहीं है। कोटेशन के आधार पर मोटी रकम का भुगतान भी विभाग ने फर्म को कर दिया। इसे लेकर विभाग में चर्चाओं का बाजार गर्म है।

तत्कालीन डीएम के निर्देश पर स्कूलों में इसरो लैब स्थापना करने के लिए कमेटी बनी हुई थी। जिले के 84 परिषदीय विद्यालयों में लैब स्थापना कोटेशन के आधार पर समानों की खरीदारी किया गया है। इसके लिए फार्म को भुगतान भी किया जा चुका है।