एआईसीटीई फ्री लैपटॉप योजना को लेकर सोशल मीडिया पर बहुत से पोस्ट वायरल हो रहे हैं। इन पोस्ट के माध्यम से यह कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार एआईसीटीई के साथ मिलकर फ्री लैपटॉप योजना को शुरू कर रही है। ऐसे में हम आपको बता दें कि विश्वास न्यूज़ ने इसके बारे में जांच पड़ताल की थी।
फैक्ट चेक करने के दौरान यह बात सामने आई कि यह खबर बिल्कुल झूठी है और केंद्र सरकार ने भी इसका पूरी तरह से खंडन किया है। यहां आपको हम बता दें कि यह सिर्फ लाइक और व्यूज पाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। इसलिए अगर आपके सामने इस तरह का कोई पोस्ट आता है तो कृपया आप इस पर यकीन ना करें।
आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि विश्वास न्यूज़ ने फ्री लैपटॉप योजना को लेकर क्या जांच पड़ताल की। यदि आपको इस फेक न्यूज़ के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करनी है तो आप हमारा यह आर्टिकल पूरा पढ़ सकते हैं। इस तरह से जब आप इस पोस्ट को पढ़ लेंगे तो आप खुद को भी सुरक्षित रखेंगे और दूसरों को भी सचेत कर पाएंगे।
AICTE Free Laptop Yojana
सोशल मीडिया पर फ्री लैपटॉप योजना को लेकर जो दावा किया जा रहा है वह पूरी तरह से झूठा है। जानकारी के लिए बता दें कि एक वायरल पोस्ट में यह कहा जा रहा है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद केंद्र सरकार के साथ मिलकर मुफ्त में लैपटॉप वितरण कर रहा है।
ऐसे लोग जिनके पास लैपटॉप नहीं है और जो लैपटॉप मुफ्त में पाना चाहते हैं, तो देखते ही देखते ऐसे लोगों के बीच में यह पोस्ट वायरल हो गया। जानकारी के लिए बता दें कि विश्वास न्यूज़ ने जब इस सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले पोस्ट की खोजबीन की, तो पाया कि इसमें कहीं से कहीं तक कोई भी सच्चाई नहीं है।
व्यूज और लाइक पाने हेतु शेयर किया गया पोस्ट
विश्वास न्यूज़ ने जब फेसबुक पर वायरल होने वाले फ्री लैपटॉप योजना के पोस्ट का फैक्ट चेक किया तो पाया कि यह दावा सरासर झूठ है। जानकारी के लिए बताते चलें कि इस लिंक को केवल क्लिकबेट बनाया गया है। ऐसा करने के पीछे उद्देश्य केवल लाइक और व्यूज ज्यादा से ज्यादा हासिल करना है।
केंद्र सरकार के कानों तक भी जब यह खबर पहुंची तो सरकार ने भी इस खबर का पूरी तरह से खंडन किया है। इसलिए विश्वास न्यूज़ ने अपनी जांच पड़ताल पूरी गहराई से करने के बाद कहा है कि कोई भी नागरिक ऐसे वायरल फेक न्यूज़ के चक्कर में ना आए।
एआईसीटीई फ्री लैपटॉप योजना का वायरल पोस्ट क्या है
यदि आपको नहीं पता कि फ्री लैपटॉप योजना का फेक वायरल पोस्ट क्या है तो हम आपको इसके बारे में बताते हैं। अभी बीते दिनों फेसबुक पर एक पोस्ट बहुत तेजी के साथ वायरल हो रहा था। जिसमें यह लिखा था कि प्रधानमंत्री ने सरकारी योजना के अंतर्गत फ्री लैपटॉप योजना को शुरू किया है।
इस वायरल पोस्ट के कैप्शन में यह दिया गया था कि एआईसीटीई फ्री लैपटॉप योजना के तहत सभी लड़के और लड़कियों को बिल्कुल फ्री में लैपटॉप मिलेगा। इसके बाद यहां करें आवेदन लिखने के पश्चात एक लिंक दिया गया था। इस प्रकार से लोगों को लालच देकर लिंक पर क्लिक करने के लिए झांसा दिया गया था।
फ्री लैपटॉप योजना की जांच पड़ताल करने पर यह सच आया सामने
तो जब विश्वास न्यूज़ ने इस फ्री लैपटॉप योजना की पोस्ट को देखा तो इसकी सच्चाई को जानने की प्रक्रिया शुरू कर दी। विश्वास न्यूज़ ने कहा कि पोस्ट में जो दावा किया गया था इसके लिए सबसे पहले एआईसीटीई की वेबसाइट को खंगाला गया।
लेकिन वायरल पोस्ट में जो दावा किया गया था उससे संबंधित फ्री लैपटॉप योजना को लेकर कोई भी मैसेज अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर नहीं था। परंतु एआईसीटीई ने अपनी वेबसाइट पर एक नोटिस जरूर जारी किया हुआ था।
नोटिस के अंतर्गत यह जानकारी दी गई थी कि एआईसीटीई सरकार के साथ मिलकर किसी भी तरह की कोई फ्री लैपटॉप योजना को नहीं चला रहा है। इस प्रकार से छात्रों को केवल गुमराह बनाने का काम किया जा रहा है। इसलिए कोई भी इस दावे का यकीन ना करे।
डीएनए वेबसाइट पर मिली यह रिपोर्ट
अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्वास न्यूज़ ने फिर डीएनए की वेबसाइट पर जाकर योजना के बारे में जानकारी जानने की कोशिश की। यहां वेबसाइट पर एक रिपोर्ट विश्वास न्यूज़ को प्राप्त हुई। यह रिपोर्ट 21 फरवरी 2024 को जारी की गई थी।
इसमें यह कहा गया कि सरकार की तरफ से फ्री लैपटॉप योजना को शुरू नहीं किया गया है। केवल छात्र और छात्राओं को गुमराह करने की मंशा से इस वायरल पोस्ट को साझा किया जा रहा है। इसलिए कोई भी विद्यार्थी या व्यक्ति इस वायरल न्यूज़ को वास्तविक ना समझे।
साइबर एक्सपर्ट अनूप अग्रवाल ने फ्री लैपटॉप योजना को लेकर यह कहा
फैक्ट चेक करते हुए विश्वास न्यूज़ ने फिर साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से भी इस बारे में चर्चा की। श्री अनुज अग्रवाल का भी यही कहना है कि फ्री लैपटॉप योजना में जो दावा किया गया है इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है बल्कि यह एक क्लिकबेट लिंक बनाया गया है।
ऐसा करने के पीछे केवल यही उद्देश्य है कि यूजर्स को अन्य वेबसाइट पर ले जाया जाए ताकि वहां पर ट्रैफिक बड़े जिससे कि लाइक्स और व्यूज ज्यादा से ज्यादा प्राप्त हो सकें। इससे उस वेबसाइट को मोनेटाइज होने में सहायता मिल सकती है।
बताते चलें कि आगे विश्वास न्यूज़ ने वायरल पोस्ट को शेयर करने वाले यूजर के बारे में जानकारी पता की। तो इससे केवल यही बात सामने आई कि यह यूजर इसी प्रकार की झूठी खबरों को आए दिन शेयर करता रहता है। इसलिए कोई भी व्यक्ति इस पोस्ट को बिल्कुल भी सच न मानें और ना ही ऐसे किसी लिंक पर क्लिक करे।