रतन टाटा के द्वारा देश के लिए ऐसे पांच काम किए गए जिनको कभी भी भुलाया नहीं जा सकता भारत के लोग उन कामों को हमेशा याद रखेंगे आज हम आपको रतन टाटा के पांच सबसे बड़े काम बताएंगे जिनको कभी भुला नहीं जा सकता।
रतन टाटा सामाजिक कार्यों के लिए हमेशा दान करते आए हैं टाटा ट्रस्ट अपने स्तर पर स्वास्थ्य शिक्षा और गांव के विकास पर काम करती है साथ ही युवाओं को दक्ष बनाने के लिए भी प्रशिक्षण भी देती है कोरोना कल में टाटा समूह ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन जनरेटर प्लांट और विदेशों से विशेष सिलेंडर आयात करने के लिए केंद्र सरकार को 1500 करोड रुपए दिए थे इसके अलावा टाटा समूह ने अपनी सभी कंपनियों को अपने स्तर पर कोविद अस्पताल तैयार करने और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए निर्देश दिया था।
टाटा सुमो ने टाटा स्टील ने भी जमशेदपुर में कोरोना कल के दौरान पहले वेव में हर दिन लगभग 50000 बहुत लोगों को निशुल्क भोजन करती थी साथ ही 20000 से अधिक परिवारों को 15 दिन का सूखा राशन भी दिया था।
रतन टाटा की कंपनी ने 2009 में टाटा मोटर्स ने नैनो कर को लांच कर दिया था यह देश की सबसे सस्ती कर थी नैनो कर लांच होने के बाद में प्रत्येक मध्य मार्गी परिवार के पास कर हो गई थी इसका नाम उन्होंने नैनो रखा था रतन टाटा का यह ड्रीम प्रोजेक्ट था कि प्रत्येक मध्यम वर्गीय परिवार के पास में खुद की कार हो।
रतन टाटा एक इस इंसान थे जिन्होंने कुत्तों के लिए भी एक पांच मंजिला हॉस्पिटल का निर्माण करवा दिया नवी मुंबई स्थित इस पांच मंजिला हॉस्पिटल में एक साथ 200 पालतू जानवरों का इलाज हो सकता है इसे बनाने में 165 करोड रुपए खर्च हुए रतन टाटा का कुत्तों की प्रति प्यार इस बात से समझा जा सकता है कि एक बार वे पालतू कुत्ते को इलाज के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा तक ले गए, जहां कुत्ते का जॉइंट रिप्लेसमेंट किया गया।
जब रतन टाटा ने अपने पैसेंजर कार बिजनेस को Ford Motors को बेचने का फैसला किया, तो लग्जरी कार निर्माता कंपनी Ford के चेयरमैन Bill Ford ने उनका मजाक उनका मजाक उड़ाया था. फोर्ड ने अपमान करते हुए कहा था, ‘तुम कुछ नहीं जानते, आखिर तुमने पैसेंजर कार डिविजन क्यों शुरू किया? अगर मैं ये सौदा करता हूं तो ये तुम्हारे ऊपर बड़ा एहसान होगा.’
TATA Motors रतन टाटा के नेतृत्व में आसमान की बुलंदियां छू रही थी. तो वहीं इस अवधि में बिल फोर्ड के नेतृत्व वाली Ford Motors की हालत पतली हो चुकी थी. डूबती फोर्ड कंपनी को उबारने के लिए रतन टाटा आगे आए, लेकिन उनका ये कदम अपने उस अपमान का बदला लेने का एक जोरदार तरीका था, ये कदम अपने उस अपमान का बदला लेने का एक जोरदार तरीका था, जो फोर्ड चेयरमैन ने किया था.
रतन टाटा के द्वारा सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में से एक टीसीएस कंपनी की स्थापना की गई थी टाटा कंसलटेंसी सर्विस की कहानी एक छोटे से उद्यम से शुरू हुई थी जो आज 15 लाख करोड रुपए की मेगा कंपनी में बदल चुकी है इसकी शुरुआत 1968 में हुई थी।
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रतन टाटा के द्वारा टाटा ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज लिमिटेड के द्वारा जापान की एनटीटी डॉक्यूमेंट ने मिलकर टाटा डोकोमो की शुरुआत करती रतन टाटा ने देश में मोबाइल कॉलिंग को की फाइट बनाने के लिए इसकी शुरुआत की थी सबसे पहले रतन टाटा ही थे जिन्होंने ग्राहकों के लिए प्रति सेकंड के हिसाब से कॉल दर लागू की थी टाटा डोकोमो ने जून 2009 में कॉलिंग के लिए प्रति सेकंड वाला प्लान लॉन्च किया था लांच होने की सिर्फ 5 महीना में एक करोड़ विधायक अपने नेटवर्क से उन्होंने जोड़ लिए थे।