कम होगा कोटा में रहने का खर्च, इन नियमों से मिलेगी छात्रों को बड़ी राहत

आईआईटी जेईई की तैयारी के लिए राजस्थान का कोटा शहर भारत के सभी होनहार छात्रों के लिए एक तरह से पहली पसंद है. कोटा में पढ़ाई के दबाव के साथ-साथ एक और चीज है जिसमें लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, वह है पैरेंट्स के खर्चे. जी हां, इस पर नकेल लगाने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है. तैयारी के लिए अपने बच्चों को भेजने वाले पैरेंट्स के हित में कोटा जिला प्रशासन ने एक नई गाइडलाइन जारी की है.

कोटा शहर में स्थित 4,000 से ज्यादा हॉस्टल्स में अब छात्रों से सिक्योरिटी और कॉशन मनी नहीं ली जाएगी. जब छात्र हॉस्टल में रूम लिया करते थे उस समय यह रकम वसूली जाती थी. लेकिन, नई गाइडलाइन के तहत यह पैसा नहीं लिया जाएगा. इससे नए छात्रों पर पड़ने वाला यह अतिरिक्त बोझ कम हो जाएगा. कोटा में रहने की लागत को कम करने और छात्रों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए जिला प्रशासन ने ‘कोटा केयर्स’ अभियान के तहत नई गाइडलाइंस जारी की हैं.

यह कदम खासतौर पर उन छात्रों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. जो जेईई और नीट जैसी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए कोटा आते हैं. अधिकांश छात्र गरीब परिवार से आते हैं और कोचिंग के खर्च के साथ-साथ रहने के खर्च को लेकर भी परेशान रहते हैं.

हॉस्टल के नियमों में बदलाव

  • हॉस्टल में 2,000 रुपये तक ही मेंटेनेंस चार्ज ले सकेंगे.
  • सभी रूम्स में एंटी-हैंगिंग सुसाइड सीलिंग फैन लगाना जरूरी.
  • स्टाफ के लिए गेटकीपर ट्रेनिंग जरूरी होगी.
  • सभी हॉस्टलों में सीसीटीवी कैमरे और बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने होंगे.
  • रात के समय मैनुअल प्रेजेंट जांच जरूरी.
  • हॉस्टल में फन एक्टिविटी एरिया बनाए जा सकेंगे.
  • अभिभावकों को सभी भुगतानों की रसीदें दी जाएंगी.

छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं

कोटा में छात्रों के लिए कुछ विशेष सुविधाएं भी प्रशासन की ओर से दी जाएंगी. छात्रों को चंबल रिवरफ्रंट और ऑक्सीजन जोन पार्क में फ्री एंट्री मिलेगी. साथ ही रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर “कोटा केयर्स हेल्पडेस्क” स्थापित किया जाएगा. ये हेल्प डेस्क भी छात्रों की मदद के लिए बनाई जाएंगी. इन नियमों पर हॉस्टल एसोसिएशन ने भी समर्थन जताया है. 2024-25 के सत्र में कोटा में छात्रों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है. यह संख्या 2 लाख से घटकर 1.24 लाख ही रह गई है.