उत्तर प्रदेश में पिछले आठ साल में 80 नए मेडिकल कॉलेज शुरू हुए हैं. इसके अलावा एमबीबीएस और परास्नातक कोर्सों की सीटों में भी इजाफा हुआ है. NEET UG परीक्षा की तैयारियों के बीच यूपी की चिकित्सा शिक्षा विभाग की महानिदेशक किंजल सिंह ने खुद इसकी जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सिर्फ कॉलेज ही नहीं बल्कि सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, शोध संस्थान और आयुष चिकित्सा को भी बढ़ावा दिया गया है.
मेडिकल स्टडी की तैयारी कर रहे तमाम युवाओं के लिए उत्तर प्रदेश में लगातार अवसर बढ़ रहे हैं. महानिदेशक किंजल सिंह के मुताबिक पिछले आठ साल में 80 नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं, जिनमें 44 राजकीय और 36 प्राइवेट कॉलेज हैं. इनमें बिजनौर, बुलंदशहर, कुशीनगर, पीलीभीत, सुल्तानपुर, औरैया, चंदौली, सौनभद्र समेत तमाम जिलों के मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई शुरू भी हो चुकी है. इसमें अलावा संभल, शामली में पीपीपी मॉडल के तहत पढ़ाई कराई जा रही है.
इतनी हैं प्राइवेट और सरकारी सीटें
उत्तर प्रदेश में सरकारी क्षेत्र में एमबीबीएस की 5250 सीटें और प्राइवेट कॉलेजों में 6550 सीटें हैं. इसके अलावा पीपीपी मॉडल पर भी तीन कॉलेज चल रहे हैं, जिनमें 350 अतिरिक्त सीटें जोड़ी गइ हैं. किंजल सिंह के मुताबिक एमडी एमएस डिप्लोमा सीटें भी 900 से बढ़ाकर 1871 हो गई हैं, जबकि निजी क्षेत्र में इन सीटों की संख्या 2100 है.
आयुर्वेदिक, यूनानी चिकितसालय भी
महानिदेशक किंजल के मुताबिक यूपी में आयुष चिकित्सा को भी लगातार बढ़ावा दियाजा रहा है. अयोध्या में नया आयुर्वेदिक कॉलेज और वाराणसी में नया होम्योपैथिक खोला गया है. वर्तमान में प्रदेश में 2110 आयुर्वेदिक 254 यूनानी और 1585 होम्योपैथिक चिकित्सालय हैं.
ये भी कर रही सरकार
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक के मुताबिक प्रदेश में चिकितसा सेवाओं को दुरुस्त करने के लिए लखनऊ में कल्याण सिंह कैंसर इंस्टीट्यूट में मॉलिक्यूलर डायग्नोस्टिक्स एंड रिसर्च फॉर कैंसर सेंटर की स्थापना की गई है. इसके अलावा डायबिटीज सेंटर संजय गांधी पीजीआई में बनाया गया है. 500 बेड का नया पीडियाट्रिक सेंटर बनाए जाने का काम तेजी से चल रहा है.