इटली में 29 वर्षीय ऐलेना मरागा, जो एक कैथोलिक स्कूल में टीचर थीं, को OnlyFans पर मॉडलिंग करने के कारण सस्पेंड कर दिया गया है. यह मामला तब सामने आया जब एक अभिभावक ने उन्हें इस प्लेटफॉर्म पर देखा और इसकी जानकारी स्कूल प्रशासन को दी.
मरागा ने बताया कि उनका मासिक वेतन केवल 1,200 यूरो (करीब 1.1 लाख रुपये) था, जो उनकी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं था. इसी आर्थिक तंगी के चलते उन्होंने OnlyFans पर अकाउंट बनाकर एक्स्ट्रा इनकम शुरू करने का फैसला किया. मरागा का दावा है कि इस प्लेटफॉर्म पर उन्होंने केवल एक दिन में अपनी एक महीने की सैलरी जितनी कमाई कर ली.
स्कूल ने कहा ये नैतिकता के खिलाफ
कैथोलिक स्कूल प्रशासन ने इस कदम को शिक्षकों की नैतिकता के खिलाफ बताया. उनका कहना है कि एक शिक्षक को समाज में एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए और मरागा का यह कदम इस सिद्धांत के विपरीत है. हालांकि, मरागा ने तर्क दिया कि उन्होंने अपनी निजी जरूरतों को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया और इसमें कुछ भी गलत नहीं है.
स्कूल ने मरागा को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है. इस मामले ने पूरे देश में बहस छेड़ दी है और शिक्षकों के व्यक्तिगत जीवन और पेशेवर जिम्मेदारियों के बीच की सीमाओं पर सवाल उठने लगे हैं.
शिक्षा मंत्रालय लाएगा नया आचार संहिता
इस विवाद के बीच इटली के शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि वे एक नया आचार संहिता लागू करने की योजना बना रहे हैं, जो शिक्षकों को वयस्क कंटेंट साइट्स पर काम करने से प्रतिबंधित करेगा. मंत्रालय का मानना है कि शिक्षकों को अपने पेशे के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए और ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए, जिससे उनके पेशे की गरिमा पर असर पड़े.
सोशल मीडिया पर बंटा लोगों का मत
सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. कुछ लोग मरागा का समर्थन कर रहे हैं और उनका कहना है कि हर व्यक्ति को अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए अपने अनुसार निर्णय लेने का अधिकार है. वहीं, कुछ लोग इसे शिक्षकों की गरिमा के खिलाफ बता रहे हैं और स्कूल प्रशासन के फैसले को सही ठहरा रहे हैं.
पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
यह पहली बार नहीं है जब किसी शिक्षक को OnlyFans या अन्य वयस्क कंटेंट प्लेटफॉर्म पर काम करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है. इससे पहले भी कई शिक्षकों और अन्य प्रोफेशनल्स को इसी तरह के विवादों का सामना करना पड़ा है. इस घटना ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि किसी व्यक्ति के निजी फैसले कितनी हद तक उनके पेशेवर जीवन को प्रभावित कर सकते हैं.
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