LT Grade Teacher Recruitment : अर्हता विवाद में 134 शिक्षकों का भविष्य दांव पर लगा हुआ है। राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड (सहायक अध्यापक) पर चयनित शिक्षक सितंबर 2020 में परिणाम घोषित होने के बाद से दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हैं। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने एलटी ग्रेड भर्ती के लिए 15 मार्च से 16 अप्रैल 2018 तक ऑनलाइन आवेदन मांगे थे।
16 अप्रैल तक अभ्यर्थियों के पास शैक्षिक योग्यता पूरी होनी थी। बाद में हाईकोर्ट के आदेश पर आयोग ने आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाकर चार से 14 जून कर दी थी। इस बीच 29 अप्रैल को घोषित यूपी बोर्ड के 12वीं के परिणाम में तमाम अभ्यर्थियों ने इंटर में संस्कृत की आवश्यक अर्हता पूरी करते हुए आवेदन कर दिया।
सितंबर 2020 को घोषित परिणाम में 134 ऐसे अभ्यर्थी सफल हुए जिन्होंने 29 अप्रैल को आवश्यकता अर्हता हासिल की थी। लेकिन आयोग ने इनके चयन की फाइलें रोक दीं। पीड़ित अभ्यर्थियों पंकज, संतोष, मनीष, अंजलि, पूर्णिमा, अर्जुन सोनकर व ज्ञानलता आदि का कहना है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद आयोग ने कोई निर्णय नहीं लिया है।
आपको बता दें कि 10768 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में चयनित अध्यापकों को कई चरणों में ऑनलाइन माध्यम से नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं। तीसरे चरण की नियुक्ति में 2667 एलटी ग्रेड व 179 प्रवक्ताओं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नियुक्ति पत्र दिए थे। पहले चरण में आयोजित कार्यक्रम में 3,317 शिक्षकों और दूसरे चरण में 436 एलटी ग्रेड व प्रवक्ताओं को मुख्यमंत्री नियुक्ति पत्र वितरित किए गए थे। ये कार्यक्रम ऑनलाइन थे और जिलों के एनआईसी में नवनियुक्त शिक्षकों से मुख्यमंत्री ने संवाद किया था।
राज्य सरकार ने पहली बार एलटी ग्रेड परीक्षा का जिम्मा लोक सेवा आयोग को सौंपा और लिखित परीक्षा से सहायक अध्यापकों की भर्ती का निर्णय लिया। इसकी लिखित परीक्षा 2018 में हुई थी। राज्य सरकार लम्बे समय बाद राजकीय इंटर कॉलेजों के लिए भर्ती कर रही है।