यूपी सरकार ने उत्तर प्रदेश लेखपाल सेवा (चतुर्थ संशोधन) नियमावली-2022 को मंजूरी दे दी है। इसमें लेखपाल के पदों पर भर्ती का अधिकार राजस्व परिषद के स्थान पर उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दे दिया गया है। मूल पद 26337 में लेखपाल के अतिरिक्त 4500 पदों का विलय कर कर दिया गया है। अब यह संख्या 30837 हो गई है। अप्रैल 2022 में लेखपाल के कुल 11328 पद रिक्त थे। मौजूदा समय 8085 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है। शेष बचे 3243 पदों पर भर्ती का रास्ता जल्द साफ हो गया है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। राज्य सरकार ने वर्ष 2017 में लेखपाल के पदों पर भर्ती का अधिकार उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को दे दिया था, लेकिन नियमावली में इसकी व्यवस्था नहीं की गई थी। अब इसका प्रावधान कर दिया गया है। लेखपाल के 27237 पदों में 900 और संग्रह अमीन के 408 पदों को 27 फरवरी 2015 को समाप्त करते हुए राजस्व निरीक्षक के 1308 पद सृजित किए गए थे। इससे लेखपाल के 26337 पद ही बचे। इसके बाद जरूरत के आधार पर लेखपाल के 5000 अतिरिक्त पद 21 मई 2015 को सृजित किया गया।
बाद में जरूरत के आधार पर अतिरिक्त सृजित 5000 पदों में 500 पदों को समाप्त करते हुए राजस्व निरीक्षक के इतने ही पद अस्थाई सृजित कर दिए गए। इसके बाद लेखपाल के अतिरिक्त 4500 पद ही बचे। अब इन पदों को लेखपाल के मूल पद 26337 को विलय कर दिया है। लेखपाल के वेतनमान मौजूदा वेतनमान की व्यवस्था भी नियमावली में की गई है। पुराने वेतनमान की जगह सातवें वेतनमान के अनुसार 21700-69100 लेवल 03 कर दिया गया है। इसमें पाठ्यक्रम भी निर्धारित कर दिया गया है। सामान्य हिंदी, गणित, सामान्य ज्ञान व ग्राम्य समाज एवं विकास से जुड़े 25-25 अंक हर विषय में 25-25 सवाल होंगे। परीक्षा में निगेटिव मार्किंग की व्यवस्था होगी। ग्राम्य समाज एवं विकास से संबंधित विषयों के प्रश्नों को शामिल किया गया है।