सदियों से महिलाओं को पुरुषों के अपेक्षा कम कर के आंका जाता रहा है तथा इनके दायरों को सीमित रखा गया है। इतिहास में महिलाओं को दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता था, इन्हें अपनी सरकार चुनने का अधिकार नहीं था। पहली बार 26 अगस्त 1920 को अमेरिका में महिलाओं को मतदान करने का अधिकार प्राप्त हुआ। जिसके बाद से प्रतिवर्ष 26 अगस्त को दुनिया भर में महिला समानता दिवस के रुप में मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य स्त्री-पुरुष भेदभाव को मिटाना है।
महिला समानता दिवस के अवसर पर कंपोजिट विद्यालय वाराडीह लवाई पट्टी के प्रागंण में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की रूपरेखा शिक्षक प्रभाकर गुप्ता जी द्वारा तैयार की गई। यह कार्यक्रम श्री उदय बहादुर जी के नेतृत्व में हुआ जिसका संचालन किमी यादव जी ने किया। सर्वप्रथम विद्यालय प्रबंध समिति की अध्यक्षा महोदया ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात श्रीमती संध्या देवी जी के द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में महिला अभिभावकों ने बढ़ चढ़कर शिरकत किया जिनके स्वागत में छात्रा दिव्यांगी ने स्वागत गीत सुनाई। इस अवसर पर नारियों के विभिन्न रूपों, संघर्षों, हौसलों व उपलब्धियों को दर्शाते हुए छात्र-छात्राओं द्वारा एक से बढ़कर एक नाटक, कविता, गीत एवं स्लोगन पेश किए गए। उसके उपरांत शिक्षक प्रभाकर गुप्ता जी के सौजन्य से प्रशस्ति पत्र, मेडल, ड्राइंग नोटबुक, क्रेयांस , कलम और कापियां वितरित की गईं। उसके बाद महिला सशक्तिकरण का प्रण लेते हुए मिष्ठान वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर कंपोजिट विद्यालय वाराडीह के समस्त शिक्षक-शिक्षिका और रसोईयां आदि उपस्थित रहे।