प्रयागराज। एक ओर सरकार का जोर तेजी से भर्तियां पूरी करने पर है तो वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड हाथ पर हाथ धरे बैठा है। सदस्यों के सभी दस पद रिक्त होने के कारण प्रदेश के 4500 से अधिक सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों और प्रधानाचार्यों की भर्ती नहीं हो पा रही। यहां तक कि प्रधानाचार्य भर्ती 2013 की सारी विधिक अड़चनें दूर होने के बावजूद सदस्यों की कमी के कारण ही परिणाम घोषित नहीं हो पा रहा।
अध्यक्ष वीरेश कुमार ने इस भर्ती के बचे हुए छह अभ्यर्थियों के साक्षात्कार 29 जुलाई को लिए थे लेकिन उसके एक महीने बाद भी ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। इसके अलावा प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) के 4163 पदों पर 16 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन लेने के डेढ़ महीने बाद केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है।
चयन बोर्ड में सदस्यों के दस पदों के लिए 15 मई तक आवेदन मांगे गए थे। इनमें से दो पद शिक्षा विभाग में अपर शिक्षा निदेशक स्तर के अधिकारी के हैं जिनके लिए आधा दर्जन अफसरों ने भी फॉर्म नहीं भरे। शेष आठ पदों के लिए सर्वाधिक मारामारी है और 850 से अधिक आवेदन मिले हैं। सूत्रों के अनुसार इतनी बड़ी संख्या में आवेदन मिलने के कारण ही सदस्यों की चयन प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही।