कैसे आम स्कूलों से अलग होंगे PM SHRI Schools? जानिए पीएम श्री स्कूलों की 12 विशेषताएं

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केंद्र सरकार देश में 14,500 पीएम श्री स्कूल बनाने वाली है. PM SHRI स्कूलों की खासियत क्या होगी? ये बाकी स्कूलों से कैसे अलग होगा? 12 प्वाइंट्स में जानिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस 5 सितंबर 2022 के मौके पर पीएम श्री स्कूलों का ऐलान किया. देशभर में PM Shri Schools खोले जाएंगे. इन्हें प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया यानी PM SHRI योजना के तहत विकसित किया जाएगा. पीएम मोदी ने बताया कि ये काम चरणबद्ध तरीके से होगा. पहले फेज में 14,500 स्कूलों को पीएम श्री स्कूल के रूप में विकसित और अपग्रेड किया जाएगा. सवाल है कि आखिर इन स्कूलों में ऐसा क्या खास होगा जो इन्हें अन्य स्कूलों से अलग बनाएगा?
सरकार मौजूदा स्कूलों को डेवलप और अपग्रेड करके पीएम श्री बनाने जा रही है. 27,360 करोड़ रुपये से देशभर के कुल 14,597 स्कूलों को डेवलप किया जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट इसी साल शुरू होगा. इन स्कूलों में क्या होगा? ये स्कूल कैसे होंगे? इनसे क्या फायदा मिलेगा? इस आर्टिकल में PM Shri Scheme के तहत बनने जा रहे पीएम श्री स्कूलों की 12 बड़ी खासियत बताई जा रही है.
PM Shri School की 12 खासियत
पीएम श्री की घोषणा करते हुए PM Narendra Modi ने कहा कि ये आदर्श विद्यालय यानी मॉडल स्कूल होंगे जो पूरी तरह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप होंगे. इन्हें केंद्र से फंडिंग मिलेगी.
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मोदी ने ट्वीट करके बताया कि पीएम श्री स्कूलों को पूरी तरह आधुनिक बनाया जाएगा. स्कूलों की बिल्डिंग को भी अपग्रेड किया जाएगा. इन्हें मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर के अनुरूप ढाला जाएगा.
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इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम तो होंगे ही, साथ ही कंप्यूटर लैब से लेकर लैबोरेटरी, लाइब्रेरी और अन्य जगहों पर भी लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा.
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इनमें NEP के तहत प्ले स्कूल की भी होंगे. वहीं इन पीएम श्री स्कूलों में क्लास 3 से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई कराई जाएगी. 20 लाख स्टूडेंट्स पढ़ेंगे.
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इन स्कूलों के लिए कुल 60 मानक तय किए गए हैं. देश के हर जिले के 2 ब्लॉक में PM Shri स्कूल खोले जाएंगे. ये स्कूल विद्या समीक्षा केंद्र से जोड़े जाएंगे. यह केंद्र स्कूल, शिक्षक, विद्यार्थी सबकी परफॉर्मेंस की समीक्षा करेगा.
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इन स्कूलों में पढ़ने पढ़ाने, सीखने सिखाने के लिए ज्यादा से ज्यादा एक्सपेरिमेंटल, ट्रांसफॉर्मेशनल और Holistic यानी ऑलराउंड डेवलपमेंट/ इंटीग्रेटेड मेथड (जिसमें इनडोर, आउटडोर हर तरह की एक्टिविटी होगी) अपनाए जाएंगे.
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इन स्कूलों में डिस्कवरी ओरिएंटेड और लर्निंग सेंट्रिक टीचिंग मेथड लागू होगा. यानी इस तरीके से पढ़ाया जाएगा कि बच्चों में नई चीजें सीखने और खोज करने की क्षमता विकसित हो सके. न कि रटने की. खेल-खेल में सीखने और टॉय बेस्ड टीचिंग होगी.
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सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, खेल की सुविधाओं में भी ये स्कूल अव्वल बनाए जाएंगे. यहां हर लोकप्रिय स्पोर्ट्स, गेम्स खेलने, सीखने के मौके होंगे.
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पीएम श्री स्कूल्स में आर्ट रूम भी होंगे. यानी बच्चों की पर्सनालिटी में क्रिएटिविटी और आर्ट भी बचपन से डेवलप हो सकेगा.
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इन स्कूलों को ग्रीन स्कूल के रूप में डेवलप किया जाएगा. इनके कैंपस इस तरह तैयार होंगे जहां जल संरक्षण से लेकर कूड़े की रीसाइकलिंग, बिजली की बचत का ख्याल रखा जाएगा.

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PM Shri स्कूल्स का पाठ्यक्रम ऐसा होगा जो बच्चों में ऑर्गेनिक लाइफस्टाइल को बढ़ावा दे सके.
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शिक्षा मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, हर क्लास में हर बच्चे पर फोकस होगा. हर बच्चे कितना सीख पा रहा है? इसके लिए हर लेवल पर असेसमेंट्स होंगे जिनसे ये परखा जाएगा कि बच्चों को ये पता है या नहीं कि वे जो सीख रहे हैं उन्हें असल जीवन में कैसे इस्तेमाल करना है.