प्रयागराज, प्रमुख संवाददाता। राजकीय शिक्षक संघ के दो दिनी अधिवेशन का समापन गुरुवार को राजकीय इंटर कॉलेज में हुआ। संगठन की प्रदेश अध्यक्ष छाया शुक्ला ने मीडिया से कहा कि तीन दशक से सरकार यह स्पष्ट नहीं कर सकी है कि राजकीय शिक्षकों को शिक्षक की श्रेणी में रखा है या फिर कर्मचारी की श्रेणी में मानते हैं। जब काम लेना होता है तो राजकीय कर्मचारी बना देते हैं लेकिन जब सुविधाएं देनी होती है तो शिक्षक मानते हैं। राजकीय विद्यालयों में बायोमीट्रिक हाजिरी लागू करने पर कहा कि इसे प्रधानाचार्यों पर भी लागू करना चाहिए। शिक्षकों के तबादले के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन में से किसी एक विधि का पालन हो। सिफारिश के आधार पर मनमाना तबादला उचित नहीं है।
बालक विद्यालयों में शिक्षिकाओं की तैनाती करने के मसले पर कहा कि बालक विद्यालयों में शिक्षिकाओं का पदस्थापन न किया जाए। चाहे तो सरकार महिला और पुरुष संवर्ग खत्म करके 50-50 प्रतिशत आरक्षित करके तैनाती कर सकती है। हाईस्कूल के प्रधानाध्यापकों को सीधे इंटर कॉलेजों में प्रभारी प्रधानाचार्य बनाने पर भी आपत्ति की।