छठी से 12वीं के पाठ्यक्रम में शामिल होगी प्राकृतिक खेती

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कुरुक्षेत्र : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को साकार करने तथा देश के प्रत्येक किसान को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आइसीएआर) और कृषि संस्थानों के माध्यम से प्राकृतिक खेती का रोल माडल तैयार किया जाएगा, जिसे पूरा विश्व देखेगा ।

केंद्रीय मंत्री चौधरी गुरुवार को कृषि विज्ञानियों के साथ गुरुकुल कुरुक्षेत्र के प्राकृतिक कृषि फार्म का अवलोकन कर रहे थे। प्राकृतिक कृषि से तैयार सब्जी, धान और गन्ने की फसल देखकर उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने और शोध के लिए देश के 425 कृषि विज्ञान केंद्रों व 20 बड़े कृषि संस्थानों के 25 प्रतिशत भूमि पर प्रयोग किया जाएगा। कृषि विज्ञानियों की टीम ने प्राकृतिक कृषि पर पाठ्यक्रम तैयार किया है। इसे जल्द छठी से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने से देसी गाय का महत्व बढ़ेगा। रासायन युक्त खेती से मुक्त करके पर्यावरण को स्वच्छ बनाया जा सकेगा। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि वह कई सालों से प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। प्राकृतिक खेती से किसान आत्मनिर्भर होंगे, लागत कम होगी, आय में इजाफा होगा और लोगों को रसायन मुक्त खाद्य सामग्री मिल पाएगी।