UP में तैनात होंगे ईको टूरिज्म फेलोज, हर महीने मिलेंगे 40 हजार रुपये

उत्तर प्रदेश में 18 ईको टूरिज्म फेलोज और 1 प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति की होगी. इसका मकसद पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ ईको पर्यटन को बढ़ावा देना है. इसके अलावा स्थानीय समुदाय आर्थिक तौर पर सशक्त हों इसकी भी कोशिश की जाएगी. शासन की हरी झंडी मिलने के साथ ही योजना को लागू कर दिया जाएगा. खास बात ये है कि इन फेलोज को 40 हजार रुपये महीने भत्ता दिया जाएगा. इनमें 30 हजार रुपये स्टाइपेंड होगा और 10 हजार रुपये यात्रा भत्ता शामिल होगा.

फलो और कोआर्डिनेटर को कई तरह की जिम्मेदारियां दी जाएंगीं.इनमें ईको टूरिज्म से संबंधित परियोजनाओं को प्रभावी ढंग से दाू करना, स्थानीय समुदायों और हित धारकों को प्रशिक्षण और जागरूकता प्रदान करना, ईको टूरिज्म स्थलों का प्रचार-प्रसार करना, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों के साथ तालमेल बनाने का काम होगा. पर्यटन से संबंधित डेटा को सुव्यवस्थित करने के साथ चल रही परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करना भी इनकी जिम्मेदारी होगी. पर्यटन स्थलों पर आधारभूत सुविधाओं की कमियों को चिह्नित करना और पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को प्रोत्साहित करना भी इनके काम का प्रमुख हिस्सा होगा.

क्या होता है ईको टूरिज्म

ईको टूरिज्म को पारिस्थिति पर्यटन भी कहते हैं, यह नेचर की ब्यूटी देखने का एक तरीका है. इसका मकसद पर्यावरण और स्थानीय समुदायों को फायदा पहुंचाना होता है. ईको टूरिज्म में, प्राकृतिक क्षेत्रों में जाकर वन्यजीवों और स्थानीय संस्कृति का अनुभव किया जाता है. इससे पर्यावरण संरक्षण में योगदान के साथ स्थानीय लोगों के रहन सहन में सुधार, आजीविका को बेहतर बनाना और स्थानीय संस्कृति और वन्यजीवों से जुड़ी जानकारी हासिल करना भी होता है.

ऐसे होगा चयन

ईको टूरिज्म फेलोज के उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता में न्यूनतम 60% अंक के साथ पर्यावरण विज्ञान, वन्यजीव विज्ञान, वानिकी, पारिस्थितिकी या संबंधित क्षेत्र में मास्टर डिग्री होना जरूरी है. इसके साथ ही एमएस वर्ड, एमएस एक्सेल और एमएस पावरपॉइंट का ज्ञान, हिंदी और अंग्रेजी भाषा भी आनी चाहिए.उम्मीदवारों की आयु सीमा न्यूनतम 23 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है.

ईको टूरिज्म बोर्ड करेगा नियुक्ति

ईको टूरिज्म फेलो का चयन यूपी ईको टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की ओर से किया जाएगा.इसके लिए एक चयन समिति होगी. यह कार्यक्रम एक साल के लिए होगा, जिसे जरूरत के हिसाब से एक साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है.जो फेलो नियुक्त किए जाएंगे उन्हें पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव और वन विभाग के प्रमुख सचिव की सहमति से तय किया जाएगा. इसमें ये भी तय होगा कि चयनित फेलो को किस क्षेत्र में तैनात किया जाए.