BHU में EWS आरक्षण से प्रवेश का मामला, ABVP ने उठाई ये मांग

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) इकाई ने विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में शोध प्रवेश प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग उठाई है. परिषद ने विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के आरक्षण से संबंधित केंद्र सरकार के नियमों का पालन करने पर बल दिया है.

ABVP द्वारा रविवार को जारी एक बयान में कहा गया कि हिन्दी विभाग की शोध प्रवेश प्रक्रिया में दो अभ्यर्थियों ने EWS प्रमाणपत्र की वैधता और प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं। यह मामला वर्तमान में विश्वविद्यालय की एक समिति द्वारा जांचा जा रहा है.

लगाया ये आरोप

बयान में यह भी आरोप लगाया गया कि कुछ राजनीतिक संगठन और असामाजिक तत्व इस जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. परिषद ने दावा किया कि BHU इकाई के मंत्री भास्करादित्य त्रिपाठी को सोशल मीडिया पर झूठे आरोपों के जरिए निशाना बनाया जा रहा है, जबकि यह समस्या विभागीय खामियों और प्रशासनिक चूक के कारण उत्पन्न हुई है.

ABVP ने जोर देकर कहा कि विश्वविद्यालय परिसर को केवल शिक्षा का केंद्र होना चाहिए, और वहां किसी भी राजनीतिक या विघटनकारी गतिविधियों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. परिषद ने हिन्दी विभाग में कथित अनियमितताओं की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है.

साथ ही, ABVP ने विश्वविद्यालय प्रशासन से असामाजिक और शिक्षा-विरोधी गतिविधियों पर तुरंत अंकुश लगाने की अपील की, ताकि परिसर में शैक्षणिक माहौल शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रहे.

माहौल खराब करने की कोशिश

ABVP काशी प्रांत के प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दलों से जुड़े छात्र संगठन हिन्दी विभाग की प्रवेश प्रक्रिया में गड़बड़ियों का फायदा उठाकर विश्वविद्यालय का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने ऐसे तत्वों के परिसर में प्रवेश पर रोक लगाने की मांग की.

वहीं, BHU इकाई के अध्यक्ष प्रशांत राय ने कहा कि ABVP शुरू से ही शोध प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता की वकालत करता रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप इस विवाद का जल्द समाधान निकालने की मांग की, ताकि दोनों अभ्यर्थियों का भविष्य सुरक्षित हो सके.