उत्तर प्रदेश के बागपत की रहने वाली श्वेता की मेहनत आखिरकार रंग लाई है और उन्होंने यूपीएससी में 166वीं रैंक हासिल की है. श्वेता ने इससे पहले आईएफएस एग्जाम भी क्लीयर किया था जिसके बाद वह डीएफओ के पद पर सिलेक्ट हुईं थीं. श्वेता ने 2023 में डीएफओ पद की ट्रेनिंग शुरू की थी. इस बार यूपीएससी में उनका पांचवा अटेंप्ट था जिसमें उन्होंने 166वीं रैंक हासिल की है.
श्वेता के पिता सतेंद्र पाल दिल्ली के डिफेंस विभाग में अपर डिवीजन क्लर्क हैं और वह भारतीय सेना से रिटायर हो चुके हैं. श्वेता की मां नीलम शर्मा एक गृहिणी हैं. उनके परिवार में उनका एक छोटा भाई भी है जो कि बीटेक कर चुका है. श्वेता जिले के बड़ौत की रहने वाली हैं. श्वेता का परिवार बड़ौत के पांडव नगर कॉलोनी में रहता था फिलहाल वह सभी आरके पुरम दिल्ली शिफ्ट हो गए हैं.
श्वेता बचपन से ही पढ़ने में बहुत होशियार थीं और उन्होंने 10वीं में 92.8 प्रतिशत मार्क्स हासिल किए थे. यहीं से सभी को लगा था कि वह आगे कुछ बड़ा करके दिखाएंगी. साल दर साल उनकी लगन और बढ़ती गई जो कि नंबरों में देखने को मिली. 2015-16 में उन्होंने 12वीं की परीक्षा दी और इस एग्जाम में 98 प्रतिशत अंक हासिल किए. श्वेता ने दिल्ली यूनिवर्सिटी में मैथ सब्जेक्ट से ऑनर्स किया है.
पांचवें अटेंप्ट में सफलता
बता दें कि श्वेता ने यूपीएससी एग्जाम सबसे पहली बार 2020 में दिया था लेकिन लगातार दो साल तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिली थी. इसके बाद 2022 में वह प्रीलिम्स और मेंस निकालने में कामयाब रही लेकिन इंटरव्यू में उन्हें निराशा मिली. 2023 में आईएफएस और यूपीपीसीएस में सफलता मिली. उन्हें डिप्टी जेलर की पोस्ट मिली लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया. 2024 में उन्होंने पांचवी बार यूपीएससी एग्जाम दिया और शानदार प्रदर्शन किया.