हमास-इजराइल में मध्यस्थता की पैरवी करने वाला देश युवाओं को बनाएगा इनोवेटिव

हमास और इजराइल जैसे गंभीर मामलों में मध्यस्थता करने वाला देश मिस्र अब अपने युवाओं के भविष्य को मजबूत बनाने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है. मिस्र की सरकार ने ‘Be Ready’ नाम की एक खास पहल शुरू की है, जिसका सेकंड फेज अब लॉन्च किया गया है.

इस पहल का टारगेट है देश के 10 लाख छात्रों और युवाओं को मॉडर्न जॉब की जरूरतों के अनुसार तैयार करना और उन्हें इनोवेशन के एरिया में आगे बढ़ाना. इस पहल के तहत युवाओं को एक ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म दिया जाएगा, जहां वे नए जमाने के स्किल सीख सकें.

जरूरतों के मुताबिक प्रशिक्षित

अब केवल डिग्री से काम नहीं चलता, इसलिए इस प्रोग्राम के जरिए छात्र डिजिटल टेक्नोलॉजी, क्रिएटिव थिंकिंग और एंटरप्रेन्योरशिप जैसे जरूरी स्किल सीख सकेंगे. मिस्र के हायर एजुकेशन मिनिस्टर अयमन आशौर ने कहा कि यह पहल युवाओं को नौकरी के लिए पूरी तरह से तैयार करेगी और उन्हें बदलते समय की जरूरतों के मुताबिक ट्रेंड किया जाएगा.

इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन का साथ

Be Ready पहल को कई बड़ी इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशनों का सहयोग मिल रहा है. इसमें इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO), यूनाइटेड नेशंस डेवलपमेंट प्रोग्राम (UNDP), मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम फाउंडेशन (MBRF), ग्लोबल इनोवेशन इंस्टीट्यूट (GII) और इस्लामिक एजुकेशनल ऑर्गनाइजेशन (ICESCO) जैसी इंस्टीट्यूशन्स शामिल हैं.

ये सभी इंस्टीट्यूशन्स मिलकर मिस्र के युवाओं को टेक्निकल, डिजिटल और प्रोफेशनल स्किल्स से जोड़ने का प्रयास कर रही हैं ताकि वे लोकल ही नहीं, बल्कि ग्लोबली भी नौकरी के लिए तैयार हो सकें.

फर्स्ट स्टेज की सफलता ने बढ़ाया हौसला

Be Ready पहल का फर्स्ट स्टेज 2023 में शुरू हुआ था, जिसमें 20 यूनिवर्सिटीज के 18,000 से अधिक छात्रों ने भाग लिया था. इस फर्स्ट स्टेज की सफलता के बाद अब इसका दायरा बढ़ाकर दस लाख युवाओं तक पहुंचाने का टारगेट रखा गया है. यह पहल मिस्र के राष्ट्रपति द्वारा शुरू की गई Alliance and Development प्लान का हिस्सा है, जो देश के युवाओं को एक नई दिशा देने की कोशिश है.

देश बनेगा इनोवेशन का केंद्र

मिस्र सरकार का मानना है कि अगर युवाओं को समय पर सही ट्रेनिंग और ऑपर्च्युनिटीज दिए जाएं, तो वे देश को इनोवेशन और टेक्नोलॉजिकल डेवलपमेंट का सेंटर बना सकते हैं. Be Ready पहल इसी सोच पर आधारित है, जो मिस्र को सिर्फ शिक्षा का ही नहीं, बल्कि एम्प्लॉयमेंट और इनोवेशन का भी लीडर बनाना चाहती है. इस प्रोग्राम से ना सिर्फ युवाओं को रोजगार मिलेगा, बल्कि मिस्र की इंटरनेशनल आइडेंटिटी भी और स्ट्रॉन्ग होगी.

ये भी पढ़ें: CLAT UG 2025: क्लैट यूजी का रिवाइज्ट रिजल्ट अभी नहीं होगा जारी, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक