भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ यानी डूसू के अध्यक्ष रौनक खत्री ने यूनिवर्सिटी प्रशासन से 13 मई से शुरू होने वाले एग्जाम्स को फिलहाल स्थगित करने की अपील की है. खत्री ने इसकी पुष्टि अपने सोशल मीडिया पोस्ट में भी की है. उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच बनी तनाव की स्थिति की वजह से छात्रों और उनके परिजनों में घबराहट का माहौल है. कई अभिभावक अपने बच्चों को घर बुला रहे हैं.
डूसू अध्यक्ष रौनक खत्री ने यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मांग की है कि शेड्यूल्ड एग्जाम्स को स्थगित किया जाए क्योंकि कई छात्र एग्जाम्स की तैयारी करने के लिए अपने-अपने घर गए हुए थे, वहीं जो छात्र यहां रह रहे हैं उनके पैरेंट्स चिंता की वजह से उन्हें वापस बुला रहे हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों के पैरेंट्स के बीच चिंता का माहौल है.
Looking at the unforeseen tensions between India and Pakistan, many students from across the country who had gone home on preparatory leave are now panicking.
Parents of students studying in Delhi University are increasingly concerned and are calling their children back home due
— Ronak Khatri (@ronak_khatrii) May 9, 2025
दो हेल्पलाइन नंबर भी जारी
परीक्षाओं को स्थगित करने की मांग के साथ डूसू की ओर से छात्रों के लिए दो हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं. इन हेल्पलाइन नंबरों में 73780 22365 और 62686 85067 शामिल हैं. खत्री ने जानकारी दी कि अगर किसी भी छात्र को रहने की व्यवस्था, चिकित्सा सहायता और परीक्षा संबंधी जानकारी चाहिए हो तो वह इन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं. खत्री ने कहा कि हेल्पलाइन नंबर शुरू होने के बाद से ही उन्हें कई छात्रों और उनके पैरेंट्स के फोन आ रहे हैं और एग्जाम को स्थगित करने की अपील की जा रही हैं. इन सभी अपीलों में यात्रा में परेशानी और सुरक्षा का हवाला दिया जा रहा है.
आगे बढ़ाई जाएं परीक्षा की तारीखें
रौनक खत्री ने अपने एक्स हैंडल पर भी चिंता जाहिर की है, उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति से एग्जाम्स की तारीखों को आगे बढ़ाने की अपील की है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा है कि 13 मई से परीक्षाएं शुरु होनी हैं लेकिन वर्तमान में स्थिति के कारण छात्रों और उनके परिवारों में तनाव की स्थिति बनी हुई है. इस पोस्ट में उन्होंने कुलपति से निवेदन किया है कि वह सभी छात्रों की सुरक्षा और भलाई को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं को स्थगित करने पर विचार करें.