दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति का एक निर्देश टीचर्स के गले नहीं उतर रहा है. डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने इसका विरोध शुरू कर दिया है और आदेश को राजनीतिक प्रचार की कोशिश बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है.
मामला सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर है, दरअसल दिल्ली यूनिवर्सिटी की कुलपति की ओर से शहीद भगत सिंह और श्याम लाल कॉलेज के स्टाफ और छात्रों को निर्देश जारी किए गए हैं कि वे कुलपति के सोशल मीडिया पोस्ट को फॉलो और रीट्वीट करें. इसी निर्देश पर पूरा बखेड़ा खड़ा हो गया है.डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (डीटीएफ) ने इसे सत्ताधारी दल भाजपा के प्रचार एजेंडे को बढ़ावा देने की कोशिश बताया है और इसकी कड़ी निंदा की है.
क्या है पूरा मामला
डीटीएफ का आरोप है कि डीयू के कुलपति की ओर से शहीद भगत सिंह और श्याम लाल कॉलेज के स्टाफ और छात्रों को निर्देश दिए गए हैं कि वे कुलपति के पोस्ट को फॉलो और रीट्वीट करें. बताया जा रहा है कि ये ट्वीट सेना और देशभक्ति से संबंधित हैं. टीचर्स का कहना है कि देशभक्त या सैन्य बलों के सम्मान के लिए कुलपति का पोस्ट साझा करना जरूरी है. यह बिल्कुल थोपने जैसा है. बस इसी पर पूरा विवाद छिड़ा है.
डीटीएफ ने कहा- ये खतरनाक चलन
डीटीएफ ने कहा कि सार्वजनिक शिक्षण संस्थानों का इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार के लिए करना खतरनाक चलन है और यह शैक्षणिक स्वतंत्रता पर हमला है. संगठन के अनुसार, देशभक्ति के नाम पर शिक्षकों और छात्रों पर सोशल मीडिया अभियानों में भागीदारी थोपना लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है.
देशभक्ति को राजनीतिक हथियार में बदला जा रहा
डीटीएफ के अध्यक्ष राजीब रे और सचिव अभा देव हबीब ने एक बयान जारी कर कहा, “सैन्य बलों का सम्मान किसी राजनीतिक दल या कुलपति के ट्विटर पोस्ट साझा करने से नहीं आता. इसे थोपना देशभक्ति की भावना को घटिया राजनीतिक हथियार में बदलना है.”
डीटीएफ ने सभी कॉलेजों के प्राचार्यों से ऐसे निर्देशों को तुरंत वापस लेने की मांग की है और कहा है कि विश्वविद्यालय को स्वतंत्र और लोकतांत्रिक सोच का केंद्र बने रहना चाहिए, न कि राजनीतिक आदेशों का पालन करने वाला मंच है.