नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में पढ़ाएंगे पूर्व CJI डी.वाई.चंद्रचूड़, इस फैकल्टी को करेंगे लीड

भारत के पूर्व चीफ जस्टिस डी.वाई.चंद्रचूड़ अब नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छात्रों को पढ़ाएंगे. उन्हें “डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेसर” के रूप में नियुक्त किया गया है. विवि की ओर से उनकी नियुक्ति को भारतीय लॉ एजुकेशन के लिए एक परिवर्तनकारी कदम बताया गया है.

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ने गुरुवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में इसकी जानकारी दी.इसमें लिखा था कि हमें यह घोषणा करते हुए सम्मान महसूस हो रहा है कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़, एनएलयू दिल्ली में डिस्टिंग्विश्ड प्रोफेसर के रूप में जुड़ रहे हैं. पोस्ट के साथ पूर्व सीजेआई की एक तस्वीर भी पोस्ट की गई है.

यह ऐतिहासिक क्षण

नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति जीएस बाजपेयी ने इसे कानूनी शिक्षा के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताते हुए कहा, “यह ऐतिहासिक जुड़ाव भारतीय कानूनी शिक्षा में एक परिवर्तनकारी अध्याय की शुरुआत करता है. चंद्रचूड़ जैसे प्रगतिशील न्यायविद् का मार्गदर्शन हमारे छात्रों और शिक्षकों के लिए अत्यंत लाभकारी होगा.

इस फैकल्टी को करेंगे लीड

कुलपति जीएस बाजपेयी ने बताया कि एनएलयू जल्द ही सेंटर फॉर कॉन्स्टीट्यूशनल स्टडीज (संवैधानिक अध्ययन केंद्र) की स्थापना करेगा, इसको चंद्रचूड़ ही लीड करेंगे. इस केंद्र में संवैधानिक नैतिकता, रूपांतरित संवैधानिकता और मौलिक अधिकारों की व्याख्या पर शोध किया जाएगा. उन्होंने कहा कि संवैधानिक मुद्दों पर जस्टिस चंद्रचूड़ की विरासत अकादमिक शोध के लिए अनुपम सामग्री प्रदान करती है, जो सैद्धांतिक और व्यावहारिक दोनों दृष्टिकोणों से अत्यंत समृद्ध है.

इसके अतिरिक्त विश्वविद्यालय “इन द स्पिरिट ऑफ जस्टिस: द DYC डिस्टिंग्विश्ड लेक्चर सीरीज़” नामक एक नई पहल शुरू करेगा, जो जुलाई से प्रारंभ होगी. इस व्याख्यानमाला में समकालीन कानूनी चुनौतियों पर चंद्रचूड़ की न्यायिक दृष्टि के आलोक में चर्चा की जाएगी.

पूर्व चंद्रचूड़ ने लिए थे कई ऐतिहासिक फैसले

चंद्रचूड़ ने नवंबर 2024 में भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर पद से अवकाश लिया था. 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने के बाद उन्होंने 38 संविधान पीठों में भाग लिया और अयोध्या भूमि विवाद, समान लिंग संबंधों की अपराधमुक्ति, निजता का अधिकार और अनुच्छेद 370 हटाने जैसे ऐतिहासिक फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

2000 में बने थे बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस

डीवाई चंद्रचूड़ सन् 2000 में बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायाधीश बने, और 2013 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए थे. इससे पहले 1998 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता नामित किया गया था और उन्होंने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी कार्य किया था.