Career in Physical Education: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने 12वीं का रिजल्ट जारी कर दिया है. इसके साथ ही छात्रों और अभिभावकों के बीच करियर की चिंताएं बढ़ गई हैं. छात्र जहां 12वीं के बाद बेहतर कोर्से में दाखिला के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं तो वहीं अभिभावक अपने बच्चों को इन प्रतियोगी परीक्षाओं के मकड़जाल की चुनौतियों का सामना कराते हुए उभरते हुए सेक्टर वाले कोर्सेस में उनका दाखिला कराने के लिए दिमामी मशक्त कर रहे हैं. इसी कड़ी में आज बात करते हैं, फिजिकल एजुकेशन की…
IPL समेत दूसरे खिलाड़ियों के साथ काम करने का मौका
फिजिकल एजुकेशन में करियर का मतलब छात्रों को विराट कोहली, रोहित शर्मा, ऋषभ पंत जैसे आईपीएल समेत बॉक्सिंग, एथलेटिक्स जैसे दूसरे खेलों के खिलाड़ियों के साथ काम करने का मौका मिलना है. फिजिकल एजुकेशन में करियर बनाने में फिलहाल जहां प्रतियोगी परीक्षाओं के मकड़जाल की चुनौतियां भी कम हैं तो इस सेक्टर का भविष्य इस वक्त उज्जवल दिखाई दे रहा है. मसलन, फिजिकल एजुकेशन में करियर का मतलब, बेहतर नौकरी के साथ ही नाम कमाने का अवसर है.
उभरता हुआ सेक्टर है फिजिकल एजुकेशन
देश में फिलहाल फिजिकल एजुकेशन उभरता हुआ सेक्टर है. IPL का विस्तार और उसमें होती नोटों की बारिश से इसे आसानी से समझा जा सकता है. इसके साथ ही देश में कई खेलों की लीग भी शुरू हुई हैं और आने वाले दिनों में कई खेलों की लीग शुरू होनी हैं. इससे महत्वपूर्ण ये है कि भारत सरकार साल 2036 में ओलपिंक खेलों की मेजबानी हासिल करने के लिए प्रयासरत है.
जबकि देश में अभी फुटबॉल की वाजिब एंट्री होनी बाकी है. ऐसे में समझा जा सकता है कि फिजिकल एजुकेशन में करियर का भविष्य क्या है. सीधे शब्दों में समझें तो जिस अनुपात में इन खेल प्रतियोगिताओं के लिए खिलाड़ियों की जरूरत होगी, उसके कई गुना जरूरत खेल विज्ञान यानी फिजिकल एजुकेशन को समझने वाले एक्सपर्ट की होगी. खेल में बढ़ती तकनीक फिजिकल एजुकेशन एक्सपर्ट की डिमांड बढ़ाएंगी ही.
12वीं के बाद बनाएं फिजिकल एजुकेशन में करियर
अभी तक 12वीं कक्षा में फिजिकल एजुकेशन पढ़ाया जाता है. जिसे छात्रों, अभिभावकों के बीच सेकेंडरी सब्जेक्ट समझा जाता है. देश में पढ़ाई को लेकर रूढिवादी सोच के हिसाब से फिजिकल एजुकेश सेकेंडरी सब्जेक्ट है, लेकिन मॉडन एजुकेशन में ये उभरता हुआ सब्जेक्ट है. इसी सोच के साथ ही इसे स्कूलों में शुरू किया था. असल में 12वीं के बाद ही फिजिकल एजुकेशन की भूमिका शुरू हो सकती है.
12वीं के बाद ही छात्र फिजिकल एजुकेशन में करियर बनाने के लिए नई राह चुन सकते हैं. जिसके तहत छात्र बेचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स, बीएससी स्पोर्ट्स साइंस, पीजी डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स कोचिंग, पीजी डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स साइकोलॉजी, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट, स्पोर्ट्स न्यूट्रिएंश में पीजी डिप्लोमा जैसे काेर्स कर सकते हैं.
यहां से करें कोर्स, यहां मिलेगी नौकरी
मोदी सरकार मेरठ में नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी शुरू करने का ऐलान कर चुकी है, जो आने वाले सालों में शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही इस साल से दिल्ली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया जा सकता है. तो वहीं हरियाणा सरकार ने सोनीपत में भी स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी खोली है. इसके साथ ही साई के कई कॉलेज संचालित हो रहे हैंं,जहां खेल विज्ञान में कई तरह के डिप्लोमा कराए जाते हैं.
अगर फिजिकल एजुकेशन के सेक्टर में नौकरी की बात करें तो यूनिवर्सिटी में प्राेफेसर, स्कूलों में फिजिकल टीचर, जिला और कस्बों में खेल विभाग के स्टेडियमों में स्पोर्ट्स ऑफिसर, खेल कोच बना जा सकता है. इसके साथ ही स्पोर्ट्स क्लब या टीम के साथ जुड़ कर एडवाइजर, न्यूट्रिशियंस, स्पोर्ट्स साइंटिस्ट बना जा सकता है. जहां बेतहर सैलरी वाली नौकरी के साथ ही बड़े खिलाड़ियों के साथ काम करने का मौका मिलेगा.
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