NEET UG 2025 का आयोजन हो गया है, जिसकी आंसर शीट का इंतजार इन दिनों अभ्यर्थी कर रहे हैं. सबको उम्मीद है कि उन्होंने NEET UG में अपना बेहतरीन प्रदर्शन दिया है, लेकिन NEET UG में बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा की वजह से इस साल भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों का डॉक्टर बनने का सपना टूटेगा. ऐसे में हम आपको आज देश देशों के बारे में बता रहे हैं, जो MBBS की पढ़ाई के लिए भारतीयों का ठिकाना बन सकते हैं. साथ ही बताएंगे कि इन देशों से कितना खर्च कर MBBS जैसी डॉक्टरी की पढ़ाई की जा सकती है.
पहले इंडिया में दाखिला का गणित
विदेशों से MBBS करने से जुड़ी खबर पर आगे बढ़ने से पहले देश में डॉक्टरी की पढ़ाई में दाखिला का गणित समझते हैं. असल में देश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल से ग्रेजुएशन यानी MBBS, BDS जैसे डॉक्टरी पाठ्यक्रमों की तकरीबन एक लाख से अधिक सीटें हैं, जबकि देश में NEET UG 2025 में 20.8 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए हैं. ऐसे में समझा जा सकता है कि सिर्फ तकरीबन एक लाख अभ्यर्थियों को ही डॅाक्टरी करने का मौका मिलेगा और तकरीबन 19.8 लाख अभ्यर्थी इस साल दाखिला की दौड़ से बाहर हो जाएंगे.
ये देश सस्ती मेडिकल एजुकेशन दे रहे
अगर NEET UG की प्रतिस्पर्द्धा समेत किसी दूसरे कारण की वजह से काेई अभिभावक अपने बच्चों को मेडिकल एजुकेशन विदेशों से दिलाना चाहते हैं तो वह पोलैंड, चेक गणराज्य, हंगरी, ऑस्ट्रिया, स्लोवाकिया और जॉर्जिया जैसे देशों की राह चुन सकते हैं. पिछले कुछ वर्षों से ये देश दुनिया में सस्ती मेडिकल एजुकेशन और वाजिब रहन-सहन खर्च वाले ठिकानों के तौर पर उभरे हैं. कुल जमा अगर समझें तो अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों की तुलना में इस देशों से आधे खर्च पर मेडिकल एजुकेशन ली जा सकती है.
कितना आता है खर्च
अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से मेडिकल एजुकेशन लेने के लिए ट्यूशन फीस के तौर पर औसतन वार्षिक 45 से 60 हजार डॉलर का खर्च आता है. जबकि मध्य यूरोप के इन देशों से 8 से 15 हजार यूरो के वार्षिक खर्च पर मेडिकल एजुकेशन ली जा सकती है. इसके आलावा आवास, भोजन का खर्च अलग है. एक यूरो की कीमत लगभग 1.10 डॉलर के बराबर है.
अगर पौलेंड की बात करें तो यहां 6 साल में मेडिकल एजुकेशन में ग्रेजुशन की डिग्री दी जाती हैं. जिसमें इंटर्नशिप भी शामिल हैं. यहां लगभग ट्यूशन फीस के तौर पर लगभग 90 हजार यूरो खर्च कर डॉक्टरी की डिग्री ली जा सकती है. इसी तरह हंगरी में 110 लाख यूरो खर्च 6 वर्षीय मेडिकल डिग्री ली जा सकती है.
वहीं चेक गणराज्य से भी लगभग 120 लाख यूरो कर 6 साल की डॉक्टरी पूरी की जा सकती है. ऑस्ट्रिया में लगभग 80 हजार यूरो में 6 साल डॉक्टरी की पढ़ाई पूरी की जा सकती है. इसके अलावा प्रति महीने 300 से 500 यूरो का खर्च इन देशों में आवास पर भोजन पर होता है.
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