शिक्षा मंत्री के गांव में ही फेल हो गए दसवीं के सभी छात्र, इस स्टेट का है मामला

राज्य की शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी जिस जिम्मेदार के कंधों पर हो, उसके ही गांव में दसवीं के सभी छात्र फेल हो जाएं तो इसे आप क्या कहेंगे. मामला हिमाचल प्रदेश से जुड़ा है, दरअसल यहां शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के पैतृक गांव इस बार दसवीं की बोर्ड परीक्षा देने वाले सभी छात्र फेल हो गए हैं. विपक्षी इसे लेकर सरकार पर हमलावर है.

हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का पैतृक गांव पौटा है जो शिमला जिले की जुब्बल तहसील में आता है, यहां इस बार सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल का एक भी छात्र दसवीं की परीक्षा पास नहीं कर पाया है. बताया जा रहा है कि स्कूल में पिछले दो साल से गणित का कोई टीचर ही नहीं था. चूंकि मामला सीधे शिक्षा मंत्री के गांव से जुड़ा है, इसलिए सीधे तौर पर सरकार को इसका जिम्मेदार माना जा रहा है.

पढ़ाई के लिए छुट्टी पर हैं यहां तैनात टीचर

गांव के सीनियर सेकेंडरी स्कूल में वैसे तो गणित के अध्यापक की तैनाती है, लेकिन वह पिछले दो साल से पढ़ाई के लिए अवकाश पर हैं. इसके बावजूद यहां शिक्षक की कमी को पूरा नहीं किया गया. इसीलिए इसे बड़ी प्रशासनिक असफलता मानी जा रही है. खास बात ये है कि ये क्षेत्र कोटखाई-जुब्बल विधानसभा क्षेत्र में आता है, जहां से रोहित ठाकुर लगातार तीसरी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उन पर ही राज्य की शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी है.

मंत्री के गोद लिए स्कूल के भी खराब नतीजे

एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने जिस सरकारी स्कूल को गोद लिया था उसके नतीजे भीखराब आए हैं. बताया जा रहा है कि इसमें 20 में से 10 छात्र हाईस्कूल की परीक्षा में फेल हुए हैं, वहीं 19 में से 8 छात्राएं भी असफल हुई हैं. पौटा स्कूल के प्रिंसिपल ने पुष्टि की कि पिछले दो सालों से कोई गणित शिक्षक उपलब्ध नहीं था.