मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरफ से जारी 10वीं और 12वीं रिजल्ट में छतरपुर जिले के बकस्वाहा ब्लॉक के सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन फिसड्डी रहा है. आलम ये है कि इस ब्लॉक में स्थापित सरकारी स्कूलों में 2500 छात्र पढ़ते हैं, जिनके लिए 250 शिक्षकों की तैनाती की गई है. तो वहीं कुल 200 करोड़ का सालाना बजट इन स्कूलों के लिए आंवटित है, लेकिन इतने भारी इंतजाम और खर्च के बाद भी बोर्ड रिजल्ट में बकस्वाहा ब्लॉक में स्थित कई सरकारी स्कूलों के 85 फीसदी से अधिक छात्र फेल हो गए हैं.
बकस्वाहा ब्लाॅक में सरकारी स्कूल और खर्च का गणित
छतरपुर के बकस्वाहा ब्लॉक में कुल 16 सरकारी हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल हैं. जहां 2500 छात्र रजिस्टर्ड हैं. इन छात्रों को पढ़ाने के लिए विभाग की तरफ से तकरीबन 250 शिक्षकों की तैनाती की गई है. इन शिक्षकों के वेतन, स्कूल रखरखाव, संसाधन, मध्याह्न भोजन, निर्माण, छात्रवृत्ति आदि मदों में प्रतिवर्ष लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च शासन इन 16 स्कूलों के लिए करता है.
तीन स्कूलों में सिर्फ 20 फीसदी से कम छात्र पास
छतरपुर के बक्सवाहा ब्लॉक में स्थित 16 स्कूलों में से 3 स्कूलों में 20 फीसदी से कम छात्र पास हुए हैं. मसलन, शासकीय उमावि बम्हौरी में इस बार 11.54% छात्र पास हुए हैं. जबकि शासकीय उत्कृष्ट उमावि बकस्वाहा में सिर्फ 11.81% पास हुए हैं. इसी तरह पीएमश्री कन्या उमावि बकस्वाहा में इस बार 17.54 % छात्र पास हुए हैं. वहीं सीएम राइज माॅडल स्कूल बकस्वाहा का रिजल्ट 45.36% रहा है. उच्चतम माध्यमिक से मतलब 12वीं से हैं और हाईस्कूल का मतलब 10वीं से है.
बाकी स्कूलों के रिजल्ट का ये रहा हाल
इसके साथ ही बाकी स्कूलों का रिजल्ट भी बोर्ड परीक्षा में खराब रहा है. जिसमें शासकीय हाईस्कूल बालक बकस्वाहा में 20% छात्र पास हुए हैं. जबकि शासकीय उत्कृष्ट उमावि बकस्वाहा में 20.77% हुए हैं. इसी तरह शासकीय हाईस्कूल बम्हौरी में 21.61% छात्र पास हुए हैं. तो वहीं शासकीय कन्या हाईस्कूल बकस्वाहा का रिजल्ट 23.50% रहा है.
इसी तरह शासकीय हाईस्कूल निसानी का रिजल्ट 27 27% रहा है. शासकीय हाईस्कूल गढ़ीसेमरा में 30% छात्र पास हुए हैं. तो वहीं शासकीय हाईस्कूल गड़ोही का रिजल्ट 32.40% रहा है. वहीं शासकीय हाईस्कूल पड़रिया में 37.77% छात्र पास हुए हैं . जबकि शासकीय हाईस्कूल बाजना में 48.55% छात्र पास हुए हैं.
समय की कमी रही वजह
छतरपुर के बकस्वाहा ब्लॉक में कुल 16 सरकारी हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों के खराब रिजल्ट के लिए ब्लाक शिक्षा अधिकारी सत्यम चौरसिया ने समय की कमी को जिम्मेदार बताया है. सत्यम चौरसिया ने कहा कि पिछला सत्र जब प्रारंभ हुआ, तब शिक्षक अतिशेष की पदस्थापना एवं अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया अधूरी थी. इससे पढ़ाई देरी से शुरू हुई.
उन्होंने कहा कि फरवरी में परीक्षा हो गई, जिससे अध्ययन के लिए समय बेहद कम मिला. समीक्षा बैठक के आधार पर आगामी सत्र में प्रभावी कार्रवाई की जाएगी.
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