दिल्ली में निजी स्कूलों की बढ़ी हुई फीस का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूर्व में डीपीएस द्वारका विवाद मामले में अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ा था. तो वहीं दिल्ली सरकार भी घोषणा कर चुकी है कि निजी स्कूलों की फीस बढ़ाने संबंधी मनमानी को रोकने के लिए जल्द ही बिल लेकर आया जाएगा. इस बिल को लेकर दिल्ली अभिभावक संघ सक्रिय हो गया है. संघ ने इसको लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा है, जिसमें स्कूलों की तरफ से पूर्व में वसूली गई अधिक फीस को ब्याज समेत वापस लौटाने की मांग की गई है.
बिल की घोषणा फिर भी स्कूलों पर कार्रवाई नहीं
दिल्ली अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने एक पत्र दिल्ली के उपराज्यपाल को लिखा है, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने 29 जून 2025 को एक प्रेस क्रांफ्रेंस में Delhi School Education Transparency in Fixation and Regulation of Fees Bill 2025 की घोषणा की थी, जिसमें वादा किया गया था कि इससे दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव आएगा.
अभिभावक संघ की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने कहा है कि इस घोषणा के बाद भी बिना अनुमति फीस बढ़ोतरी करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई नहीं की गई है. इस वजह से स्कूलों की तरफ से बच्चों और अभिभावकों को मानसिक और शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया जा रहा है.
वसूली गई फीस ब्याज समेत लौटाई जाए
दिल्ली अभिभावक संघ ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद 29 अप्रैल 2025 की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कह चुके हैं कि फीस को लेकर पारित किए जाने वाला बिल पिछली डेट से लागू होगा. इन बातों को आधार बनाते हुए अभिभावक संघ ने मांग कि है अभिभावकों से वसूली गई अधिक फीस ब्याज समेत लाैटाई जाए.
साथ ही दिल्ली अभिभावक संघ ने अपने पत्र में निजी स्कूलों की मौजूदा अभिभावक शिक्षक संघ(PTA) को भंग करने, नया पीटीए गठित करने के लिए चुनाव से सम्बंधित स्पष्ट आदेश जारी करने की मांग भी की है. अभिभावक संघ ने कहा है कि जिस तरीके से सरकारी स्कूलों में पीटीए का गठन किया गया है, उसी तरह से निजी स्कूलों में भी पीटीए गठित की जाए, जिसमें अभिभावकों की भूमिका सुनिश्चित हो.
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