NEET UG 2025 Result : कोराेना की वजह से मिली राहत हुई खत्म! इस बार गिरेगी नीट यूजी की रैंकिंग

देश के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला के लिए आयाेजित हुई राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) UG 2025 का रिजल्ट जारी होने का काउंटडाउन शुरू हो गया है. माना जा रहा है कि एनटीए 14 जून को नीट यूजी 2025 का रिजल्ट जारी कर देगा. इसके साथ ही नीट यूजी की रैंकिंग को लेकर देशभर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है, जिसके तहत पिछले सालों की रैंकिंग के अनुसार अभ्यर्थी नीट यूजी 2025 की रैंकिंग का गुणा-गणित लगाने में जुटे हुए हैं, लेकिन एक्सपर्ट नीट यूजी 2025 की रैंकिंग को लेकर चौंकाने वाले दावे कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना की वजह से मिली राहत अब खत्म हो गई है, जिसका असर नीट यूजी 2025 की रैंकिंंग पर दिखेगा. ऐसे में रैंकिंग में गिरावट संभव है.

नीट यूजी 2025 में कितनी होगी टॉप रैंकिंग

नीट यूजी 2025 की टॉप रैंकिंग क्या होगी? इसको लेकर TV9 ने आकाश अकेडमी के नेशनल डायरेक्टर मेडिकल नबीन कार्की से बातचीत की. नबीन बताते हैं कि इस बार नीट यूजी 2025 के रिजल्ट में कोरोना से मिली राहत के खत्म होने का एहसास होगा. वह नीट यूजी 2025 की टॉप रैंकिंग को लेकर कहते हैं कि इस बार 720 में से लगभग 690 नंबर के पास टॉप रैंकिंग यानी ऑल इंडिया टॉपर की रैंकिंग हो सकती है. इस तरह पिछले साल की रैंकिंग की तुलना में संभावित तौर पर 30 नंबरों की गिरावट होगी. पिछले साल 18 अभ्यर्थियों ने 720 में से 720 नंबर हासिल किए थे.

तीन वजह से कम आएंगे नंबर

आकाश अकेडमी के नेशनल डायरेक्टर मेडिकल नबीन कार्की नीट यूजी 2025 की संभावित कटऑफ यानी रैंकिंंग में गिरावट की तीन वजह मानते हैं. नबीन बताते हैं कि इस बार नीट का क्वेश्चन पेपर पिछले सालों की तुलना में कठिन था. तो वहीं पिछले साल तक क्वेश्चन पेपर में 180 क्वेश्चन को सॉल्व करने के लिए 20 मिनट (3घंटे 20 मिनट) का समय अतिरिक्त दिया जाता था, लेकिन इस बार सभी अभ्यर्थियों को क्वेश्चन पेपर सॉल्व करने के लिए 3 घंटे का ही समय दिया गया था. वहीं इस बार 5 ऑप्शनल क्वेश्चन नहीं थे, जबकि पिछले सालों में अभ्यर्थियों को 50 में से 45 क्वेश्चन ही सॉल्व करने होते थे, लेकिन इस बार क्वेश्चन पेपर में 45 सवाल ही पूछे गए थे.

नबीन कहते हैं कि कोरोना के बाद नीट यूजी में अभ्यर्थियों को रिलैक्सेशन मिला था, लेकिन नीट 2025 के बाद रिलैक्सन खत्म हो गया है, जिसमें ये तीन प्रमुख कारण हैं, जो बताते हैं कि इस बार नीट यूजी 2025 की कटऑफ में पिछले सालों की तुलना में गिरावट होगी.

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